मॉनसून सत्र के दौरान विपक्ष केंद्र सरकार पर लगातार हावी होने की कोशिश कर रहा है. इसी कड़ी में कई विपक्षी दलों के सांसदों ने संसद के मकर द्वार की सीढ़ियों पर किसानों के मुद्दों को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया और नारे लगाए. विरोध-प्रदर्शन करने वालों में तृणमूल कांग्रेस (TMC), राष्ट्रीय जनता दल (RJD), एनसीपी शरदचंद्र पवार (NCP-SP), शिवसेना (यूबीटी) और अन्य दलों के सांसद शामिल थे. इस दौरान सांसद प्याज की माला पहने हुए थे. उन्होंने 'किसान को फसल पर एमएसपी दो', 'किसान पर अन्याय बंद करो' के नारे लगाए.
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने केंद्र सरकार को बजट आवंटन पर घेरते हुए कहा कि जिस प्रकार भारतीय जनता पार्टी यानी कि BJP ने तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) और जेडीयू को एमएसपी दिया है, वैसे ही उन्हें किसानों को भी देना चाहिए. इसलिए हम प्रोटेस्ट कर रहे हैं. प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि महाराष्ट्र के किसानों पर प्याज एक्सपोर्ट करने पर लगे प्रतिबंध को हटाया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि केंद्र से कई बार इसके लिए निवेदन किया गया, लेकिन कुछ असर नहीं हुआ. विरोध-प्रदर्शन कर रहे सांसदों ने कहा कि उनका उद्देश्य सिर्फ 'किसानों के लिए न्याय' है और वो इसके लिए आवाज उठाते रहेंगे.
संसद में एमएसपी को लेकर विपक्ष की ओर से भारी विरोध और हंगामा किया जा रहा है. कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों की मांग है कि सरकार एक कानून बनाकर देश में एमएसपी को कानूनी दर्जा दे. हालांकि, सरकार इसपर स्पष्ट रूप से कुछ नहीं बोल रही है, जबकि केंद्र ने कुछ फसलों को निश्चित मूल्य पर खरीदने का आश्वासन दिया है.
ये भी पढ़ें - हरियाणा में खरीफ फसलों पर 2000 रुपये प्रति एकड़ बोनस मिलेगा, सरकार का ऐलान
वहीं, किसान आंदोलन में किसान नेताओं के साथ बातचीत में केंद्र सरकार के नुमाइंदों ने इसकी शर्त रखी थी, लेकिन किसान नेताओं ने इसे नकार दिया. किसान संगठनों का कहना है कि वे सिर्फ और सिर्फ एमएसपी की लीगल गारंटी पर ही बात करेंगे. लिहाजा दोनों तरफ से एमएसपी का मामला फंसा हुआ है. इस बीच विपक्ष की ओर से इसकी मांग तेज कर सरकार को घेरने की कोशिश जारी है.
वहीं, 23 जुलाई को पेश किए गए आम बजट को लेकर भी विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे 'सरकार बचाओं बजट' कहा था. विपक्षियों का कहना है कि सरकार बनाए रखने के लिए एनडीए के सहयोगी दलों टीडीपी के शासन वाले आंध्र प्रदेश और जदयू-भाजपा के शासन वाले बिहार को ज्यादा बजट आंवटित किया गया और दूसरे राज्यों के साथ भेदभाव किया गया है.
इस उठापटक के बीच किसान संगठनों के नेता विपक्षी दलों के नेताओं से मिल रहे हैं. अभी हाल में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से किसान संगठनों के नेता मिले थे और अपना मांग पत्र सौंपा था. इस पर राहुल गांधी ने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार बनती है तो वे एमएसपी को लीगल गांरटी दिलाएंगे. साथ ही, उन्होंने सरकार पर इसके लिए दबाव बनाने का भरोसा दिलाया.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today