ह‍िमाचल सरकार ने केंद्र से मांगी मदद, बाढ़-भूस्‍खलन पीड़‍िताें को खेती के लिए जमीन देने की उठाई मांग

ह‍िमाचल सरकार ने केंद्र से मांगी मदद, बाढ़-भूस्‍खलन पीड़‍िताें को खेती के लिए जमीन देने की उठाई मांग

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लगातार बारिश और बाढ़ से तबाह हुए परिवारों के पुनर्वास के लिए केंद्र से विशेष राहत पैकेज और वन कानून में ढील की मांग की है. सुक्खू ने पत्रकारों से कहा कि प्रदेश की करीब 68 प्रतिशत भूमि वन क्षेत्र में आती है और वर्तमान कानून के तहत राज्य सरकार इसका उपयोग नहीं कर सकती.

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ह‍िमाचल सरकार ने केंद्र से मांगी मदद, बाढ़-भूस्‍खलन पीड़‍िताें को खेती के लिए जमीन देने की उठाई मांगसीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (फाइल फोटो)
Story highlights
  • जिन परिवारों के घर-खेत बर्बाद हुए, उन्हें कम से कम एक बीघा जमीन मिले: सीएम सुक्‍खू
  • केंद्र सरकार से विशेष पैकेज की जल्द घोषणा की अपील

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में लगातार हो रही भारी बारिश और आपदाओं (भूस्‍खलन) से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए केंद्र सरकार से विशेष सहयोग की मांग की है. उन्होंने आग्रह किया कि जिन परिवारों के घर और खेत पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं, उन्हें कम से कम एक बीघा जमीन उपलब्ध कराई जाए. साथ ही, वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 में ढील देने की अपील की, ताकि वन क्षेत्र की जमीन का इस्‍तेमाल पुनर्वास कार्यों में किया जा सके.

सुक्खू ने पत्रकारों से कहा कि प्रदेश की करीब 68 प्रतिशत भूमि वन क्षेत्र में आती है और वर्तमान कानून के तहत राज्य सरकार इसका उपयोग नहीं कर सकती. हमारी सबसे बड़ी समस्या यही है कि जरूरतमंद परिवारों को बसाने के लिए जमीन नहीं मिल रही है. इसलिए मैं केंद्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि इस कानून में छूट दी जाए, ताकि आपदा प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर बसाया जा सके.

मंडी जिले के लिए विशेष पैकेज, पुनर्वास पर जोर

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने मंडी जिले के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा की है, क्योंकि यहां बाढ़ और भूस्खलन से सबसे ज्यादा तबाही हुई है. उन्होंने कहा, “सराज विधानसभा क्षेत्र को इसका अधिक लाभ मिलेगा. कई प्रभावित परिवार पुराने क्षेत्रों में वापस नहीं जाना चाहते. ऐसे में हमें नए स्थानों पर पुनर्वास के लिए केंद्र की मदद जरूरी है.”

सुक्खू ने याद दिलाया कि 2023 में विधानसभा ने केंद्र से 10,000 करोड़ रुपये की विशेष राहत सहायता की मांग का प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन भाजपा ने उस समय समर्थन नहीं दिया. अब बीजेपी के नेता केंद्र से राहत पैकेज की मांग कर रहे हैं, यह स्वागतयोग्य कदम है. हम भी इंतजार कर रहे हैं कि जल्द ही केंद्र से विशेष पैकेज जारी किया जाए. उन्होंने बताया कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर चुके हैं. केंद्र ने आपदाओं की बार-बार की स्थिति का अध्ययन करने के लिए वैज्ञानिक टीम भी भेजी है.

विश्वविद्यालय विवाद पर सफाई

सुक्खू ने डॉ. वाईएस परमार बागवानी विश्वविद्यालय (सोलन) और कृषि विश्वविद्यालय (पालमपुर) में कुलपति नियुक्ति को लेकर विवाद पर कहा कि इस मुद्दे को कुछ अधिकारियों ने गलत तरीके से राज्यपाल के समक्ष प्रस्तुत किया. जो भी किया गया है, वह कैबिनेट की मंजूरी और राज्य कानून के तहत है. मैं राज्यपाल से मिलकर इस मामले को स्पष्ट करूंगा. संविधान की शक्तियां राज्य विधानमंडल के पास हैं और उनका सम्मान होना चाहिए.

वहीं, राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि विश्वविद्यालयों के हित में ही कदम उठाए गए थे और अदालत के आदेश का सम्मान किया जाएगा. उन्होंने हाल ही में आपदा प्रभावित क्षेत्रों के दौरे का जिक्र करते हुए हिमाचलवासियों की हिम्मत और आपसी सम्मान की भावना की सराहना भी की.

लगातार दो साल से भारी नुकसान

उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि हिमाचल को लगातार दो साल से भारी नुकसान झेलना पड़ा है. पिछले साल 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था, फिर भी केंद्र से पर्याप्त मदद नहीं मिली. इस साल भी जल शक्ति विभाग की कई योजनाएं बाढ़ में बह गई हैं. उन्होंने कहा कि अब राहत पैकेज को संशोधित कर बढ़ाया गया है.

पिछले साल पूरी तरह क्षतिग्रस्त मकानों के लिए 7 लाख रुपये दिए गए थे. अब हमने सहायदा राशि बढ़ा दी है. अब पशुओं की मौत और जमीन की क्षति के लिए भी मुआवजा शामिल किया गया है. जिला उपायुक्तों को नए प्रभावित क्षेत्रों को अधिसूचित करने का अधिकार दिया गया है, ताकि उन्हें भी राहत पैकेज में शामिल किया जा सके.

वीरभद्र सिंह की प्रतिमा अनावरण पर कही ये बात

पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की प्रतिमा का शिमला स्थित रिज मैदान पर अनावरण मौसम खराब होने के कारण टाल दिया गया. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही बेहतर मौसम में इसका अनावरण केंद्रीय नेतृत्व की मौजूदगी में किया जाएगा. उन्होंने कहा, “जैसे डॉ. वाईएस परमार ने हिमाचल की नींव रखी, वैसे ही वीरभद्र सिंह ने आधुनिक हिमाचल का निर्माण किया. उनकी प्रतिमा जनता को समर्पित की जाएगी.” (एएनआई)

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