22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. इस टेंशन के बीच ही एक पाकिस्तानी अधिकारी ने सोमवार को कहा है कि भारत ने चिनाब नदी के जरिये पाकिस्तान की तरफ आने वाला पानी रोक दिया है. इससे उसकी तरफ फसलों पर खतरा पैदा हो गया है. आपको बता दें कि भारत ने सिंधु जल संधि को सस्पेंड कर दिया है. यह पाकिस्तान में पानी के बहाव को कंट्रोल करती है. इस कदम पर पाकिस्तान ने प्रतिक्रिया दी और कहा कि पानी का कोई भी ठहराव युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा.
पाकिस्तान के सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण के प्रवक्ता मुहम्मद खालिद इदरीस राणा ने इस बारे में ब्लूमबर्ग से बात की है. उन्होंने बताया है कि भारत ने पाकिस्तान को मिलने वाले सामान्य पानी की मात्रा में करीब 90 फीसदी तक की कटौती की है. उन्होंने कहा कि अगर बहाव में कमी जारी रही तो इस्लामाबाद को खेतों में पानी की सप्लाई में पांचवां हिस्सा कम करना पड़ेगा. राणा ने कहा, 'यह असाधारण है.' राणा की मानें तो भारत आमतौर पर बिजली उत्पादन के लिए प्रतिदिन कुछ पानी रखता है, लेकिन हर कुछ घंटों में इसे छोड़ देता है.
भारत ने चिनाब नदी पर बगलिहार हाइड्रोपावल प्लांट बांध के सभी गेट बंद कर दिए हैं. नदी पर सलाल बांध के सभी गेट भी बंद हैं. हालांकि वन्यजीवों पर कोई खास असर न पड़े, इसे सुनिश्चित करने के लिए सलाल और बगलिहार बांध के सिर्फ एक गेट से पानी छोड़ा जा रहा है. सिंधु नदी सिस्टम में झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास, सतलुज शामिल हैं. इनके प्रयोग के अधिकार सन् 1960 में हुई संधि के जरिये ये भारत और पाकिस्तान के बीच बांट दिए गए थे. पाकिस्तान सिंचाई के लिए पूरी तरह से सिंधु नदी पर ही निर्भर है.
पाकिस्तान के सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण (आईआरएसए) के सलाहकार पैनल ने सोमवार को मराला में चेनाब नदी के बहाव में अचानक कमी पर गहरी चिंता जताई. प्राधिकरण की तरफ से कहा गया है कि भारत के इस कदम से खरीफ के शुरुआती मौसम में पानी की कमी हो जाएगी. सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण सलाहकार समिति (आईएसी) ने 'शुरुआती खरीफ' जो मई से 10 जून तक चलता है और 'देर खरीफ' जो 11 जून से सितंबर तक चलता है, के मौसम में बाकी महीनों के लिए पानी की स्थिति की समीक्षा की है.
समिति की तरफ से चिंता जताई गई है कि भारत की तरफ से कम सप्लाई की वजह से मराला में चेनाब नदी के बहाव में अचानक कमी हो गई है. इसकी वजह से शुरुआती खरीफ सीजन में और ज्यादा कमी होगी. आईएसी ने बाकी बचे शुरुआती खरीफ सीजन के लिए 21 प्रतिशत तक की कुल कमी की घोषणा की है. यह तब होगा जब चेनाब नदी में सप्लाई सामान्य बनी रहे. हालांकि, स्थिति की रोजाना निगरानी की जाएगी. अगर चेनाब नदी में कमी जारी रहती है तो उसके अनुसार कमी की समीक्षा की जाएगी. जून में शुरू होने वाले खरीफ के मौसम में 7 प्रतिशत तक कमी होने की उम्मीद है.
यह भी पढ़ें-
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today