Maharashtra News: मराठवाड़ा में बारिश से तबाही के बीच एक फोटो से सुलगी राजनीति, विपक्ष ने सरकार को घेरा

Maharashtra News: मराठवाड़ा में बारिश से तबाही के बीच एक फोटो से सुलगी राजनीति, विपक्ष ने सरकार को घेरा

मराठवाड़ा के किसानों को भारी बारिश से बड़ा नुकसान, राहत सामग्री पर शिंदे और अन्य नेताओं की तस्वीरों ने विवादों को जन्म दिया. जानिए किसानों की वर्तमान स्थिति और राजनीतिक रियासत.

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मराठवाड़ा में बारिश से तबाही के बीच एक फोटो से सुलगी राजनीति, विपक्ष ने सरकार को घेरामहाराष्ट्र के किसानों को मिली राहत किट

मराठवाड़ा के किसान भारी बारिश से हुए नुकसान से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. फसल, घर और पशुधन का नुकसान बहुत बड़ा है. इन किसानों को इस संकट से उबरने में मदद करने के बजाय, राजनेता और राजनीतिक पार्टियां राजनीतिक खेल खेलने में ज़्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं. भारी बारिश से हुए नुकसान का जायजा लेने मराठवाड़ा गए डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे विवादों में घिर गए हैं.

उनकी पार्टी ने राहत सामग्री के पैकेट पर शिंदे और मंत्री प्रताप सरनाइक की तस्वीरें छापी थीं. आज सुबह शिंदे की पार्टी द्वारा भेजे गए राहत सामग्री से भरे 50 ट्रक, बीड़ जिले की परंडा तहसील में ठाणे से पहुंचे. जब राहत सामग्री बांटना शुरू हुआ तो पता चला कि पैकेट पर एकनाथ शिंदे, प्रताप सरनाइक और विधायक तानाजी सावंत की तस्वीरें थीं.

संजय राउत ने साधा निशाना

जब इन राहत किट का वितरण शुरू हुआ, तो शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और मनसे के नेताओं ने इस कदम की कड़ी आलोचना की. संजय राउत ने इसकी तीखी आलोचना करते हुए कहा कि यह बाढ़ पीड़ितों को वास्तविक राहत देने के बजाय सत्ता की लड़ाई और राजनीतिक श्रेय लेने की कोशिश लगती है. औरंगाबाद जिले की परंडा तहसील में बाढ़ का विनाशकारी असर साफ दिखाई दिया. आज, एकनाथ शिंदे ने प्रभावित गांव करंजा का दौरा किया, स्थिति का जायजा लिया और वहां के लोगों से बात की.

क्या था शिवसेना की राहत किट में?

एकनाथ शिंदे की पार्टी, शिवसेना ने ये राहत किट भेजी हैं. राहत सामग्री से भरे 50 से ज़्यादा टेम्पो वैन पहले ही मराठवाड़ा भेज दिए गए हैं. हर किट में एक परिवार के लिए एक हफ्ते के लिए नए कपड़े, जूते, स्वेटर, छाते, खाने-पीने की चीज़ें और अन्य ज़रूरी सामान होता है. इन किट में महिलाओं की ज़रूरतों के लिए खास सामान भी शामिल है. 2019 में सांगली और कोल्हापुर में भारी बारिश के बाद महाराष्ट्र में भी इसी तरह की राहत किट बांटी गई थीं.

संजय राउत और एमएनएस नेताओं ने क्या कहा?

संजय राउत ने राहत किट पर छपी फोटो पर टिप्पणी करते हुए तंज कसा कि उनका मकसद सिर्फ श्रेय लेना है. उन्होंने कहा, "अगर उनका इरादा अच्छा होता तो वे किट पर अपनी फोटो नहीं छपवाते. यह किसानों की स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश है."

वहीं, एमएनएस नेता अविनाश अभ्यंकर ने शिंदे गुट की आलोचना करते हुए कहा, "इन लोगों को शर्म आनी चाहिए. वे राहत किट पर अपनी फोटो चाहते हैं! अगर उन्हें थोड़ी भी शर्म होती तो वे ऐसा कभी नहीं करते."

एकनाथ शिंदे का क्या था जवाब?

रिलीफ किट पर फोटो को लेकर राजनीतिक विवाद के बारे में पूछे जाने पर, एकनाथ शिंदे बचाव की मुद्रा में दिखे. उन्होंने ठाकरे के नेताओं पर सीधे कोई टिप्पणी नहीं की. हालांकि, उन्होंने विवाद को शांत करने की कोशिश करते हुए कहा कि किट पर फोटो पर ध्यान देने के बजाय, हमें किट में क्या है और यह किसके लिए है, इस पर ध्यान देना चाहिए.

इसके अलावा, शिंदे ने कहा कि सरकार ने कल ही 31 लाख किसानों को 2000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की थी. उन्होंने माना कि यह राशि कम है. उन्होंने कहा कि किसानों को और मदद देने के लिए, उन्हें कुछ नियमों में ढील देनी होगी, जो वे देंगे. उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री और अन्य नेता नुकसान का आकलन कर रहे हैं.

मराठवाड़ा क्षेत्र में बाढ़ से कितना नुकसान हुआ है?

पिछले एक महीने से महाराष्ट्र के कई हिस्सों में भारी बारिश हो रही है. मराठवाड़ा, उत्तर महाराष्ट्र और पश्चिमी महाराष्ट्र क्षेत्र प्रभावित हुए हैं. महाराष्ट्र के सभी बांध भर गए हैं और उनसे पानी छोड़ा जा रहा है. लेकिन, मराठवाड़ा में पिछले चार दिनों की भारी बारिश से फसलों और पशुओं को बहुत नुकसान हुआ है. नदियों का पानी खेतों और गांवों में फैल गया है. तीन दिनों में पानी का स्तर कम नहीं हुआ है. सोयाबीन, कपास, अरहर, ज्वार, प्याज, टमाटर और दूसरी फसलें सड़ रही हैं. तेज़ बहाव के कारण मिट्टी भी बह गई है. इसका असर आने वाले कई मौसम तक रह सकता है.

अब तक कितने लोगों की जान गई है?

बाढ़ प्रभावित मराठवाड़ा क्षेत्र में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है और बाढ़ के पानी में सैकड़ों जानवर बह गए हैं. डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने दावा किया कि राज्य सरकार किसानों को राहत देने के लिए काम कर रही है और ज़रूरत पड़ने पर एनडीआरएफ दिशानिर्देशों से भी अलग कदम उठाएगी. (अभिजीत करांडे का इनपुट)

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