लड़की बहिन योजना: 46 हजार करोड़ रुपये के खर्च वाली स्‍कीम बनी महाराष्‍ट्र में किसानों की दुश्‍मन? 

लड़की बहिन योजना: 46 हजार करोड़ रुपये के खर्च वाली स्‍कीम बनी महाराष्‍ट्र में किसानों की दुश्‍मन? 

कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने जनवरी में कहा था कि लड़की बहिन योजना राज्य के खजाने पर बोझ पैदा कर रही है. इससे कृषि ऋण माफी योजना को लागू करने पर असर पड़ रहा है. इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को 1500 रुपये का मासिक भत्ता दिया जाता है. अगस्‍त 2024 में तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार ने इस योजना को शुरू किया था.

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लड़की बहिन योजना: 46 हजार करोड़ रुपये के खर्च वाली स्‍कीम बनी महाराष्‍ट्र में किसानों की दुश्‍मन? महाराष्‍ट्र में किसानों की कर्ज माफी बना बड़ा मसला

महाराष्‍ट्र में किसानों की कर्ज माफी का मसला इन दिनों काफी गर्माया हुआ है. पिछले दिनों उप-मुख्यमंत्री अजित पवार ने कृषि ऋण माफी से साफ इनकार कर दिया है. उनके इस बयान पर किसान संगठनों ने खासी नाराजगी जताई है. अजित पवार जिनके पास वित्‍त मंत्रालय भी है, उन्‍होंने किसानों से कहा है कि वो फसल ऋण की किस्तें चुकाएं क्योंकि आने वाले समय में कर्ज माफी नहीं होगी. ये मसला जहां तूल पकड़ता जा रहा है तो वहीं कुछ लोग अब लड़की बहिन योजना को इस स्थिति के लिए दोष देने लगे हैं. इस साल की शुरुआत में राज्‍य के कृषि मंत्री ने खुद यह बात मानी थी कि लड़की बहिन योजना के चलते कर्ज माफी संभव नहीं है.  

जब कृषि मंत्री ने खुद कबूला सच 

कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने जनवरी में कहा था कि लड़की बहिन योजना राज्य के खजाने पर बोझ पैदा कर रही है. इससे कृषि ऋण माफी योजना को लागू करने पर असर पड़ रहा है. इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को 1500 रुपये का मासिक भत्ता दिया जाता है. अगस्‍त 2024 में तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार ने इस योजना को शुरू किया था. मध्‍य प्रदेश की लाडली बहन योजना की तर्ज पर शुरू की गई लड़की बहिन योजना से सालाना करीब 46,000 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है.

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योजना को मिला जीत का श्रेय 

कहते हैं कि इस योजना ने नवंबर 2024 में हुए राज्य विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ महायुति की जीत में बड़ी भूमिका अदा की थी. कोकाटे ने कहा था कि लड़की बहिन योजना की वजह से जो आर्थिक तनाव पैदा हुआ है उसने राज्य के सरप्‍लस तैयार करने की क्षमता को प्रभावित कर दिया है. उनकी मानें तो इस अधिशेष को किसानों के ऋण माफ करने के लिए आवंटित किया जा सकता था. कोकाटे का कहना था कि राज्य को-ऑपरेटिव डिपार्टमेंट ऋण माफी के फैसले को लागू करने के लिए जिम्मेदार है. अंतिम फैसला मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री की तरफ से ही लिया जाना है. 

फडणवीस ने किया पवार का समर्थन 

दूसरी ओर अजित पवार के बयान का समर्थन करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कह दिया है कि यह सरकार का आधिकारिक रुख है. इस पर किसान नेता और पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने भी इसे किसानों के साथ 'विश्वासघात' बताया. महाराष्‍ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने भी जनवरी में कहा था कि राज्य सरकार ने लड़की बहिन योजना के फर्जी लाभार्थियों के बारे में शिकायतों पर कार्रवाई करने का फैसला किया है. साथ ही उनके वैरीफिकेशन के लिए इनकम टैक्‍स और परिवहन विभाग से जानकारी मांगी गई है. 

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राज ठाकरे हुए हमलावर 

लड़की बहिन योजना को लेकर अब विपक्षी सरकार पर हावी हो रहे हैं. मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे लड़की बहिन योजना पर सरकार की आलोचना की है. राज ठाकरे ने पिछले दिनों कहा है कि सरकार के पास पैसे नहीं हैं. उनकी मानें तो अगर लड़की बहिन योजना के लिए 2100 करोड़ रुपये आवंटित किए जाते हैं, तो महाराष्‍ट्र सरकार पर सालाना 63 हजार करोड़ रुपये का कर्ज होगा. इसका मतलब है कि पांच साल में तीन से चार लाख करोड़ रुपये का कर्ज हो जाएगा. 

 

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