हरियाणा सरकार की ओर से किसानों की हर फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदारी करने की घोषणा के बाद अब महाराष्ट्र के किसानों ने भी ऐसी ही मांग उठाई है. आपको बता दें हरियाणा सरकार द्वारा किसानों की सभी फसलों को MSP पर खरीदने की घोषणा के बाद महाराष्ट्र के किसानों ने भी इसका स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि इससे किसानों को फायदा होगा. MSP न होने की वजह से किसानों को काफी नुकसान होता है. ऐसे में जो युवा किसान खेती से भागते थे MSP देने के बाद वो अब खेतों में नजर आएंगे. उन्हें पता चलेगा कि सभी फसलों से उन्हें आमदनी होगी.
जिसके बाद नासिक के किसानों ने भी मांग की है कि महाराष्ट्र सरकार भी इसी तरह का फैसला लागू करे, ताकि सालों पुरानी मांग पूरी हो. आपको बता दें कि महाराष्ट्र में किसान संगठन MSP की मांग को लेकर 1980 से आंदोलन कर रहे हैं. कुछ फसलों को MSP मिला है, जो अपर्याप्त है. महाराष्ट्र के किसानों ने अपनी मांगों को लेकर जून 2018 में हड़ताल भी की थी. इसमें MSP का मुद्दा सबसे ऊपर था. उस समय किसानों द्वारा की गई यह पहली हड़ताल थी. जिसमें किसानों ने यह फैसला लिया था कि वो अपनी कोई भी फसल मंडी में नहीं बेचेंगे, या ग्राहक को नहीं देंगे. जिसके बाद अब महाराष्ट्र में भी सभी फसल को लेकर MSP की मांग तेज हो सकती है.
ये भी पढ़ें: हरियाणा की तरह महाराष्ट्र में भी MSP पर हो सभी फसलों की खरीद, लातूर के किसानों ने उठाई मांग
महाराष्ट्र के नांदेड़ के किसानों ने इस पूरी घटना पर अपनी प्रतिकृया दी है. किसान का कहना है कि महाराष्ट्र के किसानों ने हरियाणा सरकार के फैसले का स्वागत किया लेकिन सरकार को गारंटी देनी चाहिए. हरियाणा सरकार ने किसानों की फसल MSP पर खरीदने का फैसला किया है. महाराष्ट्र के किसानों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. किसानों ने महाराष्ट्र में भी एमएसपी लागू करने की मांग की है. इस फैसले से किसानों को न्याय मिलेगा, वहीं कुछ ने एमएसपी का विरोध किया है. सरकार द्वारा एमएसपी लागू करने का मतलब गारंटी नहीं है. सरकार को गारंटी लेनी चाहिए, तभी किसानों को एमएसपी का लाभ मिलेगा.
ये भी पढ़ें: Kisan Andolan: एमएसपी पर रस्म-अदायगी! हरियाणा में MSP पर खरीद का ऐलान, कांग्रेस का अब क्या प्लान?
महाराष्ट्र का मराठवाड़ा क्षेत्र सूखा प्रभावित क्षेत्र है. यही कारण है कि इस क्षेत्र में आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या सबसे अधिक है. हरियाणा सरकार के इस फैसले को लेकर इस क्षेत्र के किसान सुरेंद्र अम्बुलगे ने कहा कि मराठवाड़ा क्षेत्र में एमएसपी जैसे कानून को लागू करने की सख्त जरूरत है. महाराष्ट्र राज्य में आत्महत्या करने वाले किसानों में मराठवाड़ा क्षेत्र के किसानों की संख्या सबसे ज्यादा है. सूखा प्रभावित क्षेत्र होने के कारण यहां उगाई जाने वाली फसलों के उत्पादन में भारी भिन्नता है. प्राकृतिक आपदाओं के कारण इस क्षेत्र में खेती करने वाले कई किसान अपनी लागत भी नहीं निकाल पाते हैं. इसीलिए अगर महाराष्ट्र राज्य में एमएसपी जैसा कानून लागू होता है तो कम से कम किसान बाजार में व्यापारियों द्वारा की जाने वाली मुनाफाखोरी से बच जाएंगे. साथ ही उन्हें अपनी उपज के लिए मिलने वाले कम रेट से भी राहत मिलेगी. (प्रवीण ठाकरे का इनपुट)
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today