एग्जिट पोल 2024 आने से कुछ घंटे पहले राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के प्रदर्शन पर अपनी भविष्यवाणी दोहराई है. 1 जून को लोकसभा चुनाव के सांतवें और आखिरी चरण के तुरंत बाद शाम 6:30 बजे न्यूज चैनल्स एग्जिट पोल के नतीजे जारी करने वाले हैं. प्रशांत किशोर ने एक बार फिर भविष्यवाणी की है कि बीजेपी इस बार चुनाव में 303 सीटें जीत सकती है. उनका कहना है कि पार्टी ने साल 2019 के लोकसभा चुनावों में जितनी सीटें जीती थीं, इस बार आंकड़ा उससे थोड़ा ज्यादा बढ़ भी सकता है.
वेबसाइट द प्रिंट को दिए इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने कहा, 'मेरे अनुमान के अनुसार बीजेपी साल 2019 वाले या उससे थोड़े बेहतर नंबरों के साथ वापस आने वाली है. पश्चिमी और उत्तरी भारत में, मुझे सीटों की संख्या में कोई खास बदलाव नहीं दिख रहा है. हां, पार्टी को भारत के पूर्व और दक्षिण के क्षेत्रों से जरूरी समर्थन मिला है.' प्रशांत किशोर ने पूर्वी और दक्षिणी राज्यों में बीजेपी की सीटों की संख्या और वोट शेयर में इजाफा होने की बात भी कही है. उन्होंने कहा कि तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु में अपनी मौजूदगी को मजबूत करने के लिए पार्टी की कोशिशें में भी बढ़ोतरी हुई है. इन क्षेत्रों में वोटर्स बीजेपी के साथ ज्यादा परिचित नहीं थे और ऐसे में पार्टी को फायदा हो सकता है.
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प्रशांत किशोर ने पहले दावा किया था कि केंद्र में मौजूदा बीजेपी सरकार को लेकर जनता में न तो कोई ज्यादा असंतोष है और न ही 2024 के लोकसभा चुनावों में कोई मजबूत विकल्प उन्हें नजर आ रहा है. एक और इंटरव्यू में जन सुराज पार्टी के मुखिया किशोर ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनावों में बीजेपी को एक और जीत दिलाने की पूरी ताकत रखते हैं. उन्होंने कहा था, 'मुझे लगता है कि मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी वापस आ रही है. उन्हें पिछले चुनाव में मिले वोट्स की तरह ही सीट्स मिल सकती हैं या फिर पार्टी थोड़ा बेहतर प्रदर्शन कर सकती है.'
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प्रशांत किशोर ने कहा, 'हमें बुनियादी बातों पर गौर करना चाहिए. अगर मौजूदा सरकार और उसके नेता के खिलाफ गुस्सा है तो इस बात की संभावना भी है कि कोई विकल्प मौजूद होने के बावजूद लोग उन्हें वोट देकर सत्ता से बाहर करने का फैसला कर सकते हैं. लेकिन अभी तक हमने यह नहीं सुना है कि पीएम मोदी के खिलाफ लोगों में बड़ी नाराजगी है. निराशा हो सकती है, अधूरी आकांक्षाएं हो सकती हैं लेकिन हमने गुस्से के बारे में नहीं सुना है.'
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