हरियाणा में 13 नवंबर से विधानसभा सत्र शुरू होने जा रहा है. ऐसे में विपक्षी दलों ने राज्य की सैनी सरकार पर सवाल दागने के लिए अपने मुद्दे तैयार कर लिए है. बीते दिन कांग्रेस नेता व पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सत्र में धान एमएसपी और खाद की कमी का मुद्दा उठाने की बात कही. वहीं, इस चुनाव में दो सीटे जीतने वाली इनेलो से चाचा-भतीजे ने भी मुद्दे सामने रख दिए है. डबवाली से विधायक आदित्य देवीलाल और रानिया से विधायक अर्जुन सिंह चौटाला ने किसानों, बुनियादी सुविधाओं और बेरोजगारी से जुड़े मुद्दों को सत्र में उठाने का निर्णय लिया है.
इनेलो के विधायक दल के नेता आदित्य देवीलाल ने सत्र के लिए महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल करते हुए विधानसभा में छह प्रमुख प्रस्ताव रखे हैं. इनमें डीएपी और यूरिया खाद की कमी, फसल अवशेष जलाने पर किसानों पर जुर्माना और कानूनी कार्रवाई, MSP पर धान की खरीद न होना, गरीबों के लिए बनाए गए आवासीय इलाके में बुनियादी सुविधाओं की कमी, फैमिली आईडी सिस्टम से होने वाली परेशानी और प्रदेश में पेयजल की आपूर्ति शामिल हैं.
वहीं, रानिया से विधायक अर्जुन चौटाला ने अपने प्रपोजल में हरियाणा में बढ़ती नशीली दवाओं की समस्या, बढ़ती बेरोजगारी और सरकारी नौकरियों में वैकेंसी में देरी के मुद्दे शामिल किए हैं. उन्हाेंने कहा कि अब यह देखना बाकी है कि सत्र के दौरान इन आठ प्रस्तावों में से कितने मुद्दों पर चर्चा को मंजूरी मिलेगी.
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आदित्य देवीलाल और अर्जुन चौटाला ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि यह उनका पहला सत्र होगा और जनता की समस्याओं के समाधान के लिए प्रयासरत रहेंगे. साथ ही यह भी कहा कि विधानसभा और सड़कों दोनों जगहों पर हम जनता के मुद्दों के लिए लड़ाई जारी रखेंगे. वहीं, अर्जुन चौटाला ने कहा कि वे अपने चाचा आदित्य देवीलाल के साथ मिलकर जनता के मुद्दे उठाएंगे.
मालूम हो कि पिछले महीने हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को 48 सीटें मिली थीं, वहीं जीत को लेकर आश्वस्त काग्रेंस को 37 सीटों के साथ हार का सामना करना पड़ा. इसके अलावा इनेलो के खाते में दो सीटें आई हैं. वहीं, तीन निर्दलीय उम्मीदवार इस बार चुनाव जीते हैं. इनमें से निर्दलीय चुनाव जीतने वाली सावित्री जिंदल और दो अन्य निर्दलीय विधायकों ने भाजपा को समर्थन दे दिया. इस प्रकार भाजपा के कुल 51 विधायक हो गए. 90 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 46 है, जिससे भाजपा अब काफी आगे है.
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