हमारे देश में पुराने समय से ही पशुपालन का काम किया जाता रहा है. लेकिन अब ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में लोग पशुपालन से जुड़े कारोबार करने लगे हैं. पशु पालकर कमाई करने वाले अधिकांश लोग दुधारू पशुओं को प्राथमिकता देते हैं. आप भी दुधारू पशु पालकर डेयरी बिजनेस से जुड़ अच्छी कमाई कर सकते हैं. अगर आप डेयरी के लिए भैंस पालना चाहते हैं तो ये खबर आपके लिए है. आपको भैंसों की ऐसी चार नस्लों के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
किसी भी व्यापार में उतरने से पहले उसके बारे में अच्छी रिसर्च कर लेनी चाहिए. अगर आप डेयरी बिजनेस से जुड़ रहे हैं तो गाय-भैंस की दुधारू नस्ल के साथ उनके स्वास्थ्य, स्वाभाव और गर्भधारण से जुड़ी बातें भी जांचनी चाहिए तभी पशु खरीदें. आइए भैंसों की टॉप पांच नस्लों के बारे में जान लेते हैं.
डेयरी फार्मर्स के लिए सूरती नस्ल की भैंस पालना फायदेमंद है. इनका रंग भूरा या सिल्वर ग्रे हो सकता है, आकार मध्यम और माथा लंबा-चौड़ा होता है. सूरती नस्ल की भैंसें एक ब्यांत में 1300 लीटर तक दूध दे सकती हैं साथ ही इनके दूध में 8-12 प्रतिशत तक फैट पाया जाता है.
भदावरी नस्ल की भैंसें मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश जैसे मैदानी इलाकों में पाई जाती हैं. इनका आकार छोटा होता है और ये रोजाना लगभग 8 लीटर तक दूध देती हैं जो कि अन्य उन्नत नस्लों के मुकाबले थोड़ा कम है लेकिन इनके दूध में 18 फीसदी तक फैट होता है जिससे कई डेयरी प्रोडक्ट बनाने में आसानी होती है.
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मुर्रा नस्ल की भैंस हमारे देश में बहुत लोकप्रिय है. ये भैंस देश में सबसे अधिक दूध देने के लिए जानी जाती है. मुर्रा नस्ल की भैंसें रोजाना 15 लीटर और बेहतर देखभाल के बाद उससे भी अधिक दूध दे सकती है. वहीं इनके दूध में 7 फीसदी के आसपास फैट होता है. डेयरी फार्मर्स के लिए ये भैंस पालना फायदेमंद है.
जाफराबादी नस्ल की भैंसों को बाहुबली भैंस भी कहा जाता है. ये भैंसें शेर से भी लड़ जाती है. इनकी लंबाई-चौड़ाई अन्य नस्लों की तुलना में अधिक होती है. ये भैंसें एक दिन में 20 लीटर तक दूध देने के लिए जानी जाती हैं. अगर आप डेयरी फार्मिंग का प्लान बना रहे हैं तो इस नस्ल की भैंस को पालना फायदेमंद हो सकता है.
भैंसों की एक और उन्नत नस्ल की बात करें तो मेहसाणा नस्ल की भैंस का नाम आता है. ये भैंसें भी रोजाना 10 लीटर तक दूध देने के लिए जानी जाती हैं. इनकी खासियत है कि ये किसी भी वातावरण में आसानी से ढल जाती हैं, डेयरी शुरू करने के लिए इस नस्ल की भैंसें पाल सकते हैं.
अगर आप पहली बार भैंस पालने जा रहे हैं तो भैंसों के रखरखाव और खान-पान से जुड़ी बारीकियां भी जान लीजिए. सबसे पहले भैंसों के लिए एक साफ-सुथरा, हवा और प्रकाशदार शेड बनाएं. इनके शेड की साफ-सफाई करते रहें, मल-मूत्र या गंदा पानी जमा ना होने दें. बिजली की फिटिंग करना भी जरूरी है. भैंसों के शेड में 24 घंटे साफ और ताजे पानी की व्यवस्था होनी चाहिए.
भैंसों के खान-पान की बात करें तो इन्हें हरा चारा, सूखा चारा के साथ जौ, गेहूं या चावल का चोकर जरूर दें. चूनी और सरसों की खली इन्हें नियमित रूप से देनी चाहिए. इसके अलावा समय-समय पर सरसों का तेल भी पिलाएं इससे दूध देने की क्षमता और रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी बढ़ोतरी होगी.
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