केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीज चंडीगढ़ में चल रही बैठक समाप्त हो गई है. बैठक से बाहर निकलने के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि किसान मजदूर यूनियन और अन्य किसान संगठनों के साथ बहुत ही अच्छे वातावरण में एक सकारात्मक चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि किसान नेताओं से नए विचारों और नई सोंच के साथ हमने उनके सामने अपनी बातें रखीं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी ने पिछले 10 सालों में किसानों के हित में जो विकास के काम किए हैं, उसको और आगे बढ़ाने के लिए किसानों से लंबी चर्चा की गई है.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि हमने मिलकर एक बहुत ही आउट-ऑफ-द-बॉक्स विचार प्रस्तावित किया है. सरकार ने एनसीसीएफ (राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता) जैसी सहकारी समितियों को बढ़ावा दिया है. फेडरेशन ऑफ इंडिया और NAFED (नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया) अगले 5 साल के लिए एक अनुबंध बनाएंगे और किसानों से एमएसपी पर उत्पाद खरीदेंगे. इसके लिए मात्रा की कोई सीमा नहीं होगी. उन्होंने कहा कि भारतीय कपास निगम एमएसपी पर फसल खरीदने के लिए किसानों के साथ 5 साल का कानूनी समझौता करेगा.
#WATCH | Chandigarh: Union Minister Piyush Goyal says, "The farmers' union will tell us their decision by morning. We will also have discussions with NCCF and NAFED after returning to Delhi..." pic.twitter.com/rSzqom0bMq
— ANI (@ANI) February 18, 2024
ये भी पढ़ें- Paddy Farming: सूखे के चलते खरीफ धान उत्पादन घटकर आधा हुआ, झारखंड में रकबा घटने से अधूरा रह गया टारगेट
पीयूष गोयल ने कहा कि किसान संगठन के नेताओं ने कहा है कि हम कल सुबह तक अपना फैसला बताएंगे. उधर हम भी दिल्ली लौटने के बाद एनसीसीएफ और नेफेड के साथ भी चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि जिस अच्छे वातावरण में चर्चा हुई है, दोनों पक्ष साकारात्म सोंच के साथ आगे बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान किसानों ने घटते जलस्तर के बीच फसल विविधीकरण की जरूरत पर भी जोर दिया. वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पांच घंटे तक चर्चा चली. मैंने पंजाब के फायदे के बारे में बात की. हमने दालों की खरीद पर एमएसपी की गारंटी मांगी थी, जिस पर आज चर्चा हुई.
केंद्र सरकार और किसान संगठनो ंके बीच रविवार देर रात तक चंडीगढ़ में मीटिंग चली. इस बैठक में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय शामिल हुए. बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मौजूद रहे. किसान संगठनों के साथ यह बैठक चंडीगढ़ सेक्टर 26 स्थित महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट में हुई थी. सरकार और किसान संगठनों के बीच बैठक शुरू होने से पहले 79 वर्षीय किसान ज्ञान सिंह को श्रद्धांजलि दी गई, जिनकी शंभू बॉर्डर पर अभी हाल में मृत्यु हो गई थी.
#WATCH | Chandigarh: On meeting farmer leaders in connection with the ongoing protest, Union Minister Piyush Goyal says, "We have together proposed a very innovative, out-of-the-box idea...The govt promoted cooperative societies like NCCF (National Cooperative Consumers'… pic.twitter.com/6hdST9AUEG
— ANI (@ANI) February 18, 2024
दरअसल, इससे पहले किसान नेताओं और सरकार के बीच 8, 12 और 15 फरवरी को मीटिंग हुई थी, लेकिन इनमें कोई सफलता नहीं मिली. किसान फसलों के न्यूनत समर्थन मूल्य की गारंटी पर कानून की मांग पर अड़े हुए हैं. किसानों की सरकार से 13 प्रमुख मांगें हैं, जिनमें से सरकार की ओर 10 मांगों को मान लिया गया है. बात सिर्फ तीन मांगों पर अटकी हुई है. ये मांगें हैं- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गारंटी कानून, किसानों की कर्ज माफी और 60 साल से अधिक उम्र के किसानों को 10 हजार रुपये की पेंशन.
ये भी पढ़ें- मोदी सरकार ने प्याज निर्यात पर लगा बैन हटाया, 3 लाख मीट्रिक टन प्याज एक्सपोर्ट की मंजूरी भी दी
यही वजह है कि किसान फसलों पर एमएसपी गारंटी कानून समेत कई मांगों को लेकर लामबंद हैं. किसान पंजाब के शंभू बॉर्डर समेत हरियाणा की सीमाओं पर डटे हुए हैं. पुलिस ने किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए कंक्रीट की बेरीकेडिंग और कटीले तार लगा रखे हैं. 13 तारीख से किसान दिल्ली जाने को लेकर अडे़ हुए हैं. इसके चलते शंभू बॉर्डर पर पुलिस प्रशासन और किसानों के बीच तनातनी जारी है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today