केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है और इसके तहत प्याज के निर्यात पर लगाए गए बैन का हटा (Onion Export Ban Remove) लिया गया. केंदीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाली मंत्री समिति ने प्याज निर्यात को मंजूरी दे दी है. देश में प्याज की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने इसके निर्यात पर बैन लगाया था और इसकी डेडलाइन 31 मार्च 2024 तय की थी, लेकिन डेडलाइन खत्म होने से पहले ही इस प्रतिबंध को हटा दिया गया है. इसके साथ ही समिति ने 3 लाख मीट्रिक टन प्याज निर्यात करने को मंजूरी दी है.
गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई मंत्री समिति की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगाई गई है. बैन हटाने के पीछे की वजहों का जिक्र करें तो गुजरात और महाराष्ट्र में प्याज के स्टॉक को देखते हुए सरकार की ओर से ये मंजूरी दी गई है. केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने केंद्रीय गृहमंत्री को प्याज किसानों की स्थिति से अवगत कराया था, जिसके बाद विचार-विमर्श के बाद बैन हटाने का निर्णय लिया गया है.
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पहले आई कई रिपोर्ट्स में ये उम्मीद जताई जा रही थी कि केंद्र सरकार प्याज के निर्यात पर लगे प्रतिबंध हटाने की योजना बना रही है. इसका मुख्य कारण प्याज उत्पादक क्षेत्रों में प्याज समेत अन्य सब्जियों की कीमतों में आई गिरावट बताया गया था. अब केंद्रीय मंत्री समिति ने बैन हटाने का फैसला लेते हुए 3 लाख मीट्रिक टन प्याज के निर्यात को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही बांग्लादेश में भी 50,000 टन प्याज निर्यात को मंजूरी दी गई है.
प्याज के उत्पादन में कमी और आसमान पर पहुंची कीमतों के चलते केंद्र सरकार ने बीते 8 दिसंबर को प्याज के निर्यात पर बैन लगाने का ऐलान किया था. विदेशी व्यापार के डायरेक्टोरेट जनरल की तरफ से इस संबंध में जारी एक नोटिफिकेशन में बताया गया था कि 31 मार्च 2024 तक के ये बैन लगाया गया है. गौरतलब है कि दिसंबर महीने में प्याज की कीमतों में तेज बढ़ोतरी देखने को मिली थी, तब प्याज के दाम 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए थे. हालांकि, इसके बाद सरकार के प्रयासों के चलते इसकी कीमतों में लगातार गिरावट आती गई.
प्याज के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक भारत में कीमतों में तेजी के बीच प्याज निर्यात बैन के साथ ही सरकार ने लोगों को सस्ती प्याज बेचने के लिए भी कदम उठाए और बफर स्टॉक से 25 रुपये प्रति किलो के हिसाब से प्याज बेची गई. यहां बता दें निर्यात बैन के बाद प्याज के सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में प्याज की कीमत घट गई. इससे देश के सभी हिस्सों में प्याज की मांग और खपत के अनुरूप सप्लाई होने लगी. होलसेल मंडियों में प्याज की अच्छी आवक से भाव नरम हो गए है. वहीं, रिटेल भी प्याज के दामों की नरमी का असर दिखने लगा था. (ब्रिजेश दोशी की रिपोर्ट)
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