फसलों के दाम और एमएसपी को लेकर केंद्र सरकार के कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) की बैठक में किसान संगठनों ने मौजूदा कीमतों को लेकर असहमति जताई. अखिल भारतीय किसान सभा (AIKS) ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की बात दोहराई. कहा गया कि इसमें सी2+50 फीसदी फॉर्मूले के आधार पर एमएसपी लागू की जाए. इसमें खरीफ सीजन 2025-26 के लिए फसलों की गांरटी खरीद शामिल है. कहा गया कि मौजूदा फसलों पर लागू एमएसपी स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों से काफी कम हैं.
केंद्र सरकार के अधीन संस्था कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) उपज की लागत, बाजार मूल्य समेत अन्य बिंदुओं के आधार पर फसलों की खरीद कीमत की सिफारिश सरकार को करती है. मौजूदा फसलों की कीमतों और एमएसपी को लेकर मंगलवार को किसान संगठनों के साथ बैठक की गई और उनके सुझाव और आपत्तियों पर चर्चा की गई. बैठक में भाग लेते हुए अखिल भारतीय किसान सभा ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार एमएसपी की मांग की.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की किसान शाखा अखिल भारतीय किसान सभा ने कहा कि सीएसीपी की बैठक मार्केटिंग सीजन 2025-26 के लिए धान, दलहन, तिलहन, सोयाबीन और कपास सहित 14 खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करने की अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप देने से पहले किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से परामर्श करने के लिए आयोजित की गई थी.
एजेंसी के अनुसार बयान में कहा गया कि एआईकेएस ने कहा कि ए2+एफएल+50 फीसदी के आधार पर तय एमएसपी और सी2+50 फीसदी फॉर्मूले के बीच एक बड़ा अंतर है. इस अंतर को दूर करने के लिए किसानों की लंबे समय से मांग रही है. किसान सभा के प्रतिनिधियों ने उल्लेख किया कि सीएसीपी के रूढ़िवादी लागत अनुमानों के अनुसार भी सीजन 2024-25 में सभी 14 खरीफ फसलों के लिए एमएसपी सी2+50 से काफी कम है.
किसान सभा ने बैठक में धान और सोयाबीन की कीमतों का मुद्दा भी उठाया. कहा कि वर्ष 2024-25 के लिए ए2+एफएल+50 प्रतिशत फॉर्मूले पर आधारित धान का एमएसपी 2300 रुपये प्रति क्विंटल है, जो सी2+50 फीसदी के अनुमान 3012 रुपये प्रति क्विंटल से 712 रुपये प्रति क्विंटल कम है. इसी तरह सोयाबीन के लिए वर्ष 2024-25 के लिए घोषित एमएसपी 4892 रुपये प्रति क्विंटल था, जो कि सी2+50 फीसदी के अनुमान 6437 रुपये प्रति क्विंटल से 1555 रुपये कम है.
किसान सभा ने कहा कि सीजन में बाजार मूल्य केवल 3000 से 3500 रुपये प्रति क्विंटल था, जिससे किसानों को उन राज्यों में व्यापक विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ा, जहां सोयाबीन की खेती की जाती है. किसानों से कुछ फसलों की खरीद के लिए सरकार की ओर से निर्धारित एमएसपी सबसे कम कीमत है. केंद्रीय कृषि मंत्रालय का एक संबद्ध कार्यालय सीएसीपी विशिष्ट फसलों के लिए एमएसपी का सुझाव देता है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today