कुंभ मेले के मुआवजे के लिए किसानों ने किया विरोध प्रदर्शन, बड़े आंदोलन की दी चेतावनी

कुंभ मेले के मुआवजे के लिए किसानों ने किया विरोध प्रदर्शन, बड़े आंदोलन की दी चेतावनी

नासिक में बुधवार को कुछ किसानों ने सिविक चीफ के ऑफिस में प्रदर्शन किया है. बताया जा रहा है कि ये वो किसान हैं जो साल 2003 से 2015 के बीच आयोजित हुए कुंभ मेलों के दौरान उनकी जमीन के एवज में मिले मुआवजे को लेकर नाराज हैं. इन किसानों से कई इंफ्रास्‍ट्रक्‍चरल प्रोजेक्‍ट्स के लिए इनकी जमीन ली गई थी और अब तक इन्‍हें उसका मुआवजा नहीं दिया गया है.

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कुंभ मेले के मुआवजे के लिए किसानों ने किया विरोध प्रदर्शन, बड़े आंदोलन की दी चेतावनीनासिक में कुंभ मेले की वजह से किसान क्‍यों हैं नाराज

नासिक में बुधवार को कुछ किसानों ने सिविक चीफ के ऑफिस में प्रदर्शन किया है. बताया जा रहा है कि ये वो किसान हैं जो साल 2003 से 2015 के बीच आयोजित हुए कुंभ मेलों के दौरान उनकी जमीन के एवज में मिले मुआवजे को लेकर नाराज हैं. इन किसानों से कई इंफ्रास्‍ट्रक्‍चरल प्रोजेक्‍ट्स के लिए इनकी जमीन ली गई थी और अब तक इन्‍हें उसका मुआवजा नहीं दिया गया है. किसान इतने नाराज हैं कि उन्‍होंने समस्‍या का समाधान सही समय पर न होने पर बड़े आंदोलन तक की धमकी दे डाली है. इन्‍होंने कहा है कि मुआवजे की जो रकम बची हुई है, उसे जल्‍द से जल्‍द रिलीज किया जाए. 

धरने पर बैठे प्रदर्शनकारी किसान 

अखबार टाइम्‍स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार ये किसान राजीव गांधी भवन में धरने पर बैठ गए थे. यह बिल्डिंग नासिक म्‍युनिसिपल कॉरपोरेशन (एनएमसी) का मुख्‍यालय है. किसानों के धरने की वजह से इसे एक घंटे तक के लिए बंद करना पड़ा. प्रदर्शनकारी किसान सिविक एडमिनिस्‍ट्रेशन से लिखित में आश्‍वासन की मांग कर रहे थे. ये चाहते थे कि सिविक एडमिनिस्‍ट्रेशन उन्‍हें लिख कर दें कि उनकी जमीन के एवज में उन्‍हें मुआवजा जल्‍द से जल्‍द दिया जाएगा. 

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किसानों ने दी आंदोलन की धमकी 

उन्होंने चेतावनी दी कि अगर नगर निगम प्रशासन ने मुआवजा जारी करने की प्रक्रिया शुरू नहीं की तो वो आंदोलन को तेज करेंगे. उनका कहना था कि विधानसभा चुनाव से पहले प्रोजेक्‍ट से प्रभावित किसानों नासिक से मुंबई तक पैदल मार्च निकालेंगे. किसानों ने नगर निगम पर बिल्डर लॉबी से जुड़े खास लोगों को मुआवजा राशि देने का आरोप लगाया. किसानों ने बताया कि उन्होंने करीब 20-24 साल पहले औरंगाबाद हाईवे और मुंबई आगरा हाईवे को होटल जात्रा के पास जोड़ने वाली रिंग रोड और अन्य इंफ्राक्‍स्‍ट्रक्‍चर के लिए जमीन दी थी.  

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प्रक्रिया तेज करने का वादा 

उन्हें अभी तक उस जमीन का मुआवजा नहीं मिला है जिसे एनएमसी ने रिंग रोड परियोजना के लिए अधिग्रहित किया था. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर एनएमसी ने मुआवजा नहीं दिया तो वो रिंग रोड को खोद देंगे. धरना आंदोलन का नेतृत्व एनएमसी की स्थायी समिति के पूर्व अध्यक्ष उद्धव निमसे ने किया.  एनएमसी कमिश्‍नर अशोक करंजकर अपने ऑफिस में नहीं थे. इसलिए एडीशनल सिटी कमिश्‍नर प्रदीप चौधरी और एनएमसी के नगर नियोजन विभाग के उप निदेशक हर्षल बाविस्कर ने किसानों को भरोसा दिया कि वो इस मसले पर सकारात्मक तौर पर विचार करेंगे और उन्हें मुआवजा देने की प्रक्रिया में तेजी लाएंगे. 

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