भारतीय जनता पार्टी की लोकसभा सांसद और हिंदी सिनेमा कलाकार कंगना रनौत ने अपने बयान पर यू-टर्न लेते हुए एक वीडियो जारी किया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में कहा है कि मैं कृषि कानूनों के संबंध में अपनी पार्टी के साथ खड़ी हूं और अपने शब्द वापस लेती हूं. कंगना ने कहा, "पिछले कुछ दिनों में मीडिया ने मुझसे कृषि कानून पर सवाल किए और मैंने कुछ सुझाव दिए कि किसानों को पीएम से कृषि कानून वापस लाने का निवेदन करना चाहिए. मेरी इस बात से बहुत लोग निराश हैं."
उन्होंने आगे कहा कि जब कृषि कानून आए थे, तो हम बहुत सारे लोगों ने इसका समर्थन किया था, बाद में हमारे बड़ी ही संवेदनशीलता से कृषि कानूनों को वापस ले लिया और ये हम सभी कार्यकर्ताओं का कर्तव्य बनता है कि हम उनके शब्दों की गरिमा बनाए रखें. कंगना रनौत ने कहा, "मुझे ये भी ध्यान रखना होगा कि मैं अब कलाकार ही नहीं, बीजेपी कार्यकर्ता हूं. मेरे ओपिनियन अपने नहीं होने चाहिए, वो पार्टी का स्टैंड होना चाहिए. अगर मैंने अपने शब्दों या सोच से किसी को निराश किया है, तो मुझे खेद है. मैं अपने शब्द वापस लेती हूं."
Do listen to this, I stand with my party regarding Farmers Law. Jai Hind 🇮🇳 pic.twitter.com/wMcc88nlK2
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 25, 2024
हिमाचल प्रदेश में अपने निर्वाचन क्षेत्र मंडी में पत्रकारों से बात करते हुए कंगना रनौत ने कहा, 'मुझे पता है कि यह बयान विवादास्पद हो सकता है लेकिन तीन कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए. किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए.' कंगना ने तर्क दिया कि तीनों कानून किसानों के लिए फायदेमंद थे, लेकिन कुछ राज्यों में किसान समूहों के विरोध के कारण सरकार ने उन्हें वापस ले लिया. उन्होंने कहा, 'किसान देश के विकास का एक स्तंभ हैं. मैं उनसे अपील करना चाहती हूं कि वे अपने भले के लिए कानूनों को वापस लाने की मांग करें.'
कांग्रेस ने अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल पर कंगना के बयान वाला वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'किसानों पर लादे गए 3 काले कानून वापस लाने चाहिए. BJP की सांसद कंगना रनौत ने ये बात कही. देश के 750 से ज्यादा किसान शहीद हुए, तब जाकर मोदी सरकार की नींद टूटी और ये काले कानून वापस हुए. कांग्रेस ने कहा, 'अब BJP के सांसद फिर से इन कानून की वापसी का प्लान बना रहे हैं. कांग्रेस किसानों के साथ है. इन काले कानून की वापसी अब कभी नहीं होगी, चाहे नरेंद्र मोदी और उनके सांसद जितना जोर लगा लें.'
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