scorecardresearch
छत पर आम, चीकू, संतरा समेत 17 फलों की बागवानी, ओडिशा की जयंती ने अपनाया शानदार मॉडल

छत पर आम, चीकू, संतरा समेत 17 फलों की बागवानी, ओडिशा की जयंती ने अपनाया शानदार मॉडल

जयंती बताती हैं कि टेरेस गार्डेन में फलों की खेती करने के पीछे उनका उद्देश्य यही था कि उन्हें और उनके परिवार को शुद्ध जैविक और स्वादिस्ट फल खाने के लिए मिले. यही वजह है कि आज उनके तीन मंजिल वाले मकान में सबसे अधिक पेड़ पौधे दिखाई देते हैं.

advertisement
टेरेस गार्डेन में फलो की खेती (सांकेतिक तस्वीर) टेरेस गार्डेन में फलो की खेती (सांकेतिक तस्वीर)

घर की छत पर आम, चीकू और संतरा जैसे पेड़ों को लगाकार अच्छे फल प्राप्त किए जा सकते हैं. ओडिशा की रहने वाली जयंती साहू ने इसे कर दिखाया है. वह अपने टेरेस गार्डेन में एक दो नहीं बल्कि 17 प्रकार के फल उगाती हैं, जिनमें अमरूद, आम, अनार, संतरा, सफेद जामुन और चीकू शामिल हैं. इतना ही नहीं, वे अच्छा उत्पादन भी हासिल करती हैं. जयंती कहती हैं कि इसके जरिए उन्हें यह फायदा जरूर हुआ है कि अब उनके परिवार को खाने के लिए शुद्ध और जैविक फल मिल रहे हैं. वरना आज कल तो बाजार में फलों को चमकदार बनाने के लिए उनमें मोम का लेप लगाया जाता है. ऐसे फल खाने में स्वादिस्ट भी नहीं होते और स्वास्थ्य को नुकसान भी पहुंचाते हैं. 

जयंती बताती हैं कि टेरेस गार्डेन में फलों की खेती करने के पीछे उनका उद्देश्य यही था कि उन्हें और उनके परिवार को शुद्ध जैविक और स्वादिस्ट फल खाने के लिए मिले. यही वजह है कि आज उनके तीन मंजिल वाले मकान में सबसे अधिक पेड़ पौधे दिखाई देते हैं और अब नए पेड़ लगाने की जगह भी नहीं बची है. 58 वर्षीय जयंती बताती हैं कि उन्हें बचपन से ही बागवानी का काफी शौक था. बचपन में भी वह अपने माता पिता के घर में रहते हुए घर के पीछे फल और सब्जियों की खेती करती थी. जयंती इस दौरान अपने माता-पिता की मदद करती थीं. इस दौरान ही उन्होंने खेती बाड़ी के बारे में सीखा था और उन्हें पौधों में पानी डालना सबसे अच्छा लगता था. 

ये भी पढ़ेंः विदर्भ में कपास की पैदावार में भारी गिरावट से किसान परेशान, जानें क्या है वजह

बचपन से ही बागवानी का शौक

इसके बाद से ही जयंती का झुकाव बागवानी की तरफ हुआ और वे एक छोटा सा फूलों का बगीचा बनाना चाहती थीं. हालांकि उनके पिता फूल नहीं उगाते थे. पर जब वो बड़ी हुईं तो उन्होंने फूलों का एक छोटा सा बगीचा बनाया. उन दिनों को याद करते हुए जयंती बताती हैं कि उनके पिता घर में आने वाले मेहमानों को बगीचे में ले जाते थे और बताते थे कि इसे उनकी बेटी ने तैयार किया है. फिर इसके बाद उनकी शादी हो गई. शादी के बाद भी उनके शौक खत्म नहीं हुए. 

ये भी पढ़ेंः जायद सीजन में क्या करें किसान, पढ़ें IMD की ये फसल एडवाइजरी

प्रदर्शनी में जाकर की मिली जानकारी

जंयती ने बताया कि उनके पति के घर में केले और सहजन के अलावा कोई पौधे नहीं थे. फिर उन्होंने वहां फूलों के पौधे लगाना शुरू किया. इस दौरान एक बार वे एक प्रदर्शनी में गईं जहां पर उन्होंने देखा कि ग्राफ्टिंग पद्धति के जरिए घर में भी छोटे पेड़ लगाए जा सकते हैं और उनसे फल लिया जा सकता है. इसके बाद वे इन्हें लगाने के लिए काफी उत्सुक हो गईं. इस तरह से उन्होंने क्रेट में ग्राफ्टेड फलों के पौधों को लगाना शुरू किया. आज वो अपने टेरेस गार्डेन से बैंगन, खीरा, भिंडी, पालक, टमाटर मूली और अन्य मौसमी सब्जियों के अलावा 17 प्रकार के फलों की खेती करती हैं.