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ब्राजील से बढ़ सकता है उड़द दाल का आयात, म्यांमार के बाद भारत के लिए बन रहा बेहतर विकल्प

ब्राजील से बढ़ सकता है उड़द दाल का आयात, म्यांमार के बाद भारत के लिए बन रहा बेहतर विकल्प

कृषि मंत्रालय की तरफ के जारी किए गए एस्टीमेटे के मुतबाकि देश में उड़द का उत्पादन में 2023-24 में 20.55 टन तक कमी आई है. जबकी खरीफ सीजन में 26.31 लाख टन उड़द की पैदावार हुई थी. वहीं पिछले साल के खरीफ सीजन  में 15.50 लाख टन उड़द का उत्पादन हुआ जो उससे पहले के 17.61 लाख टन से कम  थी.

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उड़द दाल का आयात (सांकेतिक तस्वीर) उड़द दाल का आयात (सांकेतिक तस्वीर)

भारत दालों का सबसे बड़ा उपभोक्ता है. यहां पर सबसे अधिक दाल की खपत होता है. उड़द दाल यहां काफी मात्रा में उपभोग किया जाता है. ऐसे में कई देश भारत में अपने दाल के निर्यात को बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं. इस बीच अनुमान लगाया जा रहा है कि ब्राजील से उड़द दाल का आयात बढ़ सकता है. यह 50,000 टन तक जा सकता है. क्योंकि अर्जेनिटा और ब्राजील जैसे देश दाल के निर्यात को बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं. वर्तमान में म्यांमार भारत में उड़द दाल का सबसे बड़ा सप्लायर है. सबसे अधिक उड़द दाल का आयात इसी देश से किया जाता है. 

भारतीय दाल और अनाज एसोसिएशन (आईपीजीए) के चेयरमैन बिमल कोठारी ने बताया कि ब्राजील में भी अब एक्सपोर्ट के उद्देश्य से उड़द दाल की खेती शुरू हो गई है. हम उम्मीद कर रहे हैं कि इस साल के जून-जुलाई महीने तक कम से कम 50 हजार टन उड़द दाल ब्राजील से भारत पहुंच जाएंगे. भारतीय दाल और अनाज एसोसिएशन  दाल का आयात करने वाली एक प्रमुख संस्था है. बिमल कोठारी ने  आगे कहा कि पिछले साल ब्राजील से लगभग 5,000 टन उड़द का आयात किया गया था. गौरतलब है कि बिमल कोठारी की अगुवाई में भारतीय दाल और अनाज एसोसिएशन का एक डेलीगेशन हाल में ब्राजील के दौरे पर गया था. इस दौरे में उन्होंने कहा था कि अधिक से अधिक दाल की खेती करें क्योंकि भारत में दाल का बड़ा बाजार है. 

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भारत में उड़द का आयात

भारत में उड़द दाल के आयात पर दोबारा से विचार किया गया क्योंकि साल 2023-24 में खरीफ सीजन के दौरान हुए अनियमित वर्षा के कारण खरीफ और रबी दोनों ही सीजन में उड़द दाल के उत्पादन पर असर पड़ था. इग्रेन इंडिया के मुताबिक साल 2023-14 में उड़द दाल के आयात में 19 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई. जो पिछले साल के 5.24 लाख टन के मुकाबले 6.23 लाख टन तक पहुंच गई. जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में 6.11 लाख टन उड़द दाल का आयात किया गया था. जो उससे पहले के वित्त वर्ष 2020-21 की तुलना में 77 प्रतिशत अधिक था. इस साल 3.44 लाख टन उड़द का आयात किया गया था. भारत ने उड़द दाल के आयात पर 31 मार्च 2025 तक आयात शुल्क हटा दिया है ताकि देश में इसकी कीमतों को स्थिर रखा जा सके. 

उत्पादन में आई है कमी

कृषि मंत्रालय की तरफ के जारी किए गए एस्टीमेटे के मुतबाकि देश में उड़द का उत्पादन में 2023-24 में 20.55 टन तक कमी आई है. जबकी खरीफ सीजन में 26.31 लाख टन उड़द की पैदावार हुई थी. वहीं पिछले साल के खरीफ सीजन  में 15.50 लाख टन उड़द का उत्पादन हुआ जो उससे पहले के 17.61 लाख टन से कम  थी.     जबकि रबी सीजन के उड़द पैदावार दो देखें तो यह पिछले साल के 6.33 लाख टन के मुकाबले सिर्फ 5.05 लाख टन ही थी. आईग्रेन इंडिया के राहुल चौहान ने बताया कि अब अर्जेंटिना और ब्राजील में उड़द की खेती शुरू हो गई है तो उम्मीद है कि अच्छा उत्पादन मिलेगा. 

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देश में स्थिर है उड़द के दाम

हालांकि उन दोनों देशों में पहले उत्पादन 30-40 हजार टन के बीच ही होता था. इसलिए म्यांमार भारत में उड़द सप्लाई करनेवाला एक प्रमुख देश हैं. पर वो दो दक्षिणी अमेरिकी देश भारत के लिए उड़द आयात करने के लिए नए विकल्प के तौर पर उभर सकते हैं. बता दे की देश में उड़द के उत्पादन में कमी आने के बाद भी उड़द के दाम स्थिर बने हुए हैं. इसके पीछे का कारण है लगातार  का आयात किया जा रहा है. राहुल चौहान  ने कहा कि म्यांमार से दाल का आयात बढ़कर 6.6 लाख टन हो सकता है. उन्होंने कहा कि चेन्नई में आयात किए गए उड़द की कीमत 8950 रुपये प्रति क्विंटल चल रही है.