हिमाचल प्रदेश में इस वक्त जबदरजस्त बारिश का दौर जारी है. राज्य के कई जिलों में हो रही भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. कई जगहों पर नदियां उफान पर है और लैंडस्लाइड का खतरा मंडरा रहा है. इस बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने एक बार फिर शनिवार को राज्य में बारिश का अलर्ट जारी किया है. क्षेत्रीय मौसम कार्यालय ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर आंधी और बिजली के साथ भारी से बहुत बारिश होने का अनुमान लगाया है. इसे लेकर ऑरेन्ज अलर्ट जारी किया गया है. इसके अलावा मौसम विभाग ने कहा है कि 15 अगस्त तक यहांपर बारिश होगी. इसे लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है.
भारी बारिश की आशंका को देखते हुए मौसम केंद्र ने मंडी, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर, शिमला और कुल्लू जिलों के अलग-अलग हिस्सों में कम से मध्यम बाढ़ के खतरे की भी चेतावनी दी. इस दौरान लोगों को नदी नालों से दूर रहने के लिए कहा गया है. मौसम विभाग ने कुछ स्थानों पर भूस्खलन और अचानक बाढ़ की संभावना के साथ-साथ निचले इलाकों में तेज हवाओं और जलभराव के कारण वृक्षारोपण, फसलों, कमजोर संरचनाओं और कच्चे घरों को नुकसान होने की भी चेतावनी दी है.
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बता दें कि गुरुवार शाम से, मंडी जिले के जोगिंदरनगर में सबसे अधिक 160 मिमी बारिश दर्ज की गई है. इसके बाद धर्मशाला में 112.4 मिमी, कटौला में 112.3 मिमी, भरारी में 98.4 मिमी, कंडाघाट में 80 मिमी, पालमपुर में 78.2 मिमी, पंडोह में 76 मिमी, बैजनाथ में 75 मिमी, कुफरी में 70.8 मिमी और शिमला में 60.5 मिमी बारिश दर्ज की गई है. बारिश के कारण शिमला के अलग-अलग जल स्त्रोतों में गंदा पानी आ गया है. इसके चलते शहर में पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई है. हालांकि यह गंदगी खुले आखों से नहीं दिखाई देती है. इस गंदगी के कई कारण हो सकते हैं.
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राज्य की राजधानी को शुक्रवार को सामान्य 42-45 एमएलडी के मुकाबले 24.64 मिलियन लीटर प्रति दिन (एमएलडी) की आपूर्ति प्राप्त हुई. शिमला को छह स्रोतों गुम्मा, गिरी, चुरोट, सेओग, चैरह और कोटि ब्रांडी से पानी मिलता है. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने कहा कि लगातार बारिश के कारण गुरुवार को 97 सड़कें बंद हो गईं हैं. अधिकारियों ने कहा कि बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम 100 लोग मारे गए हैं और 27 जून से 8 अगस्त के बीच राज्य को लगभग 802 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. 1 जून से शुरू हुए मानसून के दौरान राज्य में वर्षा की कमी 8 अगस्त तक 28 प्रतिशत थी और हिमाचल प्रदेश में औसत 445.7 मिमी के मुकाबले 321.8 मिमी बारिश हुई.
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