अब देश के ग्रामीण बैंकों में किसान और ग्रामीण परिवेश में रहने वाले लोगों को इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग और यूपीआई की डिजिटल सेवाएं मिलेंगी. दरअसल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण दो दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार को पटना पहुंचीं. इस दौरान उन्होंने आरबीआई के अधिकारियों के साथ समीक्षा की और चार राज्यों के ग्रामीण बैंकों के शीर्ष अधिकारियों साथ बैठक की. बैठक में बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के 8 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के साथ ही नाबार्ड और सिडबी के अधिकारी भी मौजूद रहे. सीतारमण ने ग्रामीण बैंकों को दिसंबर तक ग्राहकों को इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग और यूपीआई की डिजिटल सेवाएं शुरू करने का निर्देश दिया है.
वित्त मंत्री ने ग्रामीण बैंकों की सभी सेवाओं को उन्नत करने और कृषि और सूक्ष्म और लघु उद्योग से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देने को कहा है. उन्होंने ग्रामीण बैंकों को पीएम मुद्रा योजना, पीएम विश्वकर्मा योजना आदि के तहत लोन वितरण में भी सहयोग करने का निर्देश दिया है. राज्य सरकार से महिला स्वयं सहायता समूहों को लोन की गति बढ़ाने के लिए बैंकों को सहायता देने और उन्हें उद्यम के रूप में विकसित करने को कहा है. राज्य सरकार से नाबार्ड और सिडबी के साथ समन्वय स्थापित करने का अनुरोध किया है ताकि बैंकिंग कार्य तेजी से हो सके.
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बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बैंकों से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में शाखाओं की संख्या बढ़ाने और बैंकिंग के कामों में सुधार करने का आग्रह किया है. उन्होंने बैंकों से छोटे उद्योगों को अधिक सहायता देने और ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल लेन-देन बढ़ाने की मांग की है. पटना की बैठक में केंद्रीय वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम. नागराजू, आरबीआई ईडी, आरआरबी और प्रायोजक बैंकों के अध्यक्ष, नाबार्ड और सिडबी के प्रतिनिधि और भाग लेने वाले राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए.
पटना की बैठक के बाद सीतारमण ने दरभंगा स्थित राज मैदान में क्रेडिट आउटरीच प्रोग्राम के तहत लगभग 45 हजार लोगों के बीच 1300 करोड़ रुपये बांटे गए. वहीं, शनिवार को झंझारपुर में 1021 करोड़ रुपये का लोन बांटी गई. दरभंगा के समारोह में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, सांसद डॉ. गोपाल जी ठाकुर, डॉ. धर्मशीला, जदयू के राज्यसभा सांसद संजय झा, मधुबनी सांसद डॉ. अशोक यादव और समस्तीपुर सांसद शांभवी चौधरी मौजूद रहीं. बता दें कि पूर्वी क्षेत्र के ग्रामीण बैंकों की वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ है.
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