खत्म हुई खरीफ धान की खरीद, सरकार ने MSP पर खरीदा 46.3 मिलियन टन धान

खत्म हुई खरीफ धान की खरीद, सरकार ने MSP पर खरीदा 46.3 मिलियन टन धान

खाद्य मंत्रालय की तरफ से जारी हाल के आंकड़ों के मुताबिक 30 जून की अवधि तक देश में कुल 52.08 मिलियन टन धान की खरीद की गई है. जिसमें 5.78 मिलियन टन धान रबी सीजन में खरीदी गई है. हालांकि सभी राज्यों में खरीफ धान की खरीद लगभग बंद हो गई थी, सिर्फ असम में ही 30 जून तक धान की खरीद की गई है.

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खत्म हुई खरीफ धान की खरीद,  सरकार ने MSP पर खरीदा 46.3 मिलियन टन धानधान खरीद (सांकेतिक तस्वीर)

देश में खरीफ सीजन 2023-24 के लिए धान खरीद की प्रक्रिया पूरी हो गई है. 30 जून को खरीफ धान की खरीद अवधि खत्म हो गई. भारतीय खाद्य निगम की तरफ से किए जा रहे इस धान खरीद में 1 अक्तूबर 2023 से 30 जून 2024 तक कुल 46.    3 मिलियन टन धान की खरीद की गई. यह खरीद पिछले साल खरीफ सीजन में हुए धान खरीद की मात्रा से 6.5 फीसदी कम है. इससे पहले 49.53 मिलियन टन धान की खरीद की गई थी. इस बार धान की खरीद में कमी आने के पीछे की वजह धान का उत्पादन बताया जा रहा है क्योंकि इस साल कई राज्यों में धान के उत्पादन में गिरावट आई है.

खाद्य मंत्रालय की तरफ से जारी हाल के आंकड़ों के मुताबिक 30 जून की अवधि तक देश में कुल 52.08 मिलियन टन धान की खरीद की गई है. जिसमें 5.78 मिलियन टन धान रबी सीजन में खरीदी गई है. हालांकि सभी राज्यों में खरीफ धान की खरीद लगभग बंद हो गई थी, सिर्फ असम में ही 30 जून तक धान की खरीद की गई है. साल 2023-24 में केंद्र सरकार ने किसानों से खरीफ सीजन में 52.49 मिलियन टन और रबी सीजन में उगाए गए धान को 10.12 मिलियन टन खरीद करने का लक्ष्य रखा था. बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के अनुसार पिछले महीने खरीफ सीजन के धान खरीद के लक्ष्य से सरकार 6 मिलियन टन दूर थी क्योंकि असम में धान खरीद में 55 प्रतिशत की गिरावट अधिकारिक खरीद पर दर्ज की गई है. 

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कल्याणाकारी योजनाओं के लिए चावल की जरूरत 

राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत देश के लोगों को भोजन देने की कल्याणकारी योजनाओं के सफल संचालन के लिए सरकार को 40-41 मिलियन टन चावल की जरूरत हर साल होती है. सूत्रों ने कहा कि अगर 1 अक्तूबर 2023 में भारतीय खाद्य निगम की तरफ से जारी ओपनिंग स्टॉक को देखें तो यह 31.5 मिलियन टन की अधिक खरीदारी की गई थी. जो यह दिखाता है कि कल्याणकारी योजनाओं में चावल बांटने के बाद भी सरकार के पास 43-44 मिलियन टन का बफर स्टॉक बना रहेगा. वर्ष 2022-23 में सरकार ने तीनों फसल सीजन खरीफ, रबी और जायद से कुल 56.87 मिलियन टन धान की खरीद की थी. 

10 मिलियन किसानों को हुआ फायदा

खाद्य मंत्रालय ने कहा कि 2023-24 के दौरान धान की खरीद 77.5 मिलियन टन के पार कर गई है. इसका फायदा देश के 10 मिलियन किसानों को हुआ. उन्हें  धान खरीद की एमएसपी 1.74 लाख करोड़ रुपये दिए गए. मंत्रालय ने कहा कि इस बार देश में धान की खरीद संतोषजनक रही. यह देश की वार्षिक मांग को पूरा करने में सक्षम है. साथ ही मंत्रालय ने कहा कि इस उपलब्धि में भारतीय खाद्य निगम का बड़ा योगदान है. क्योंकि उन्होंने मजबूत तरीके से खरीदारी की और देश में अनाज का भंडारण करने के लिए मजबूत आधारभूत संरचना का निर्माण किया.

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चावल की कीमतों को कम करने की कोशिश

हालांकि विशेषज्ञों ने कहा कि कम धान की खरीद सरकार को अधिक स्टॉक को कम करने में मदद करेगी. सरकार फिलहाल अधिक चावल को बाजार में उतारने का विकल्प तलाश रही है. सरकार ने पिछले महीने 17-18 मिलियन टन अनुमानित अधिक चावल के निपटान के लिए हितधारकों के साथ चर्चा शुरू की, ताकि खुदरा कीमतों में कमी लाई जा सके. स्टॉक को कम कर सकते हैं सरकार जन वितरण प्रणाली के तहत बांटे जाने वाले चावल की मात्रा को बढ़ाने पर भी विचार कर रही है. खाद्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि मिलर्स, एक्सपोर्टर्स और कोरपोरेट्स से भी विभिन्न विकल्पों पर बात की जा रही है. उन्होंने सरकार से चावल पर निर्यात शुल्क हटाने का अनुरोध किया है. 
 

 

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