भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में विशेष कृषि कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की आत्मनिर्भरता और किसानों के कल्याण के लिए दो महत्वपूर्ण नई योजनाओं का शुभारंभ किया है. पहली, प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और दूसरी, दलहन आत्मनिर्भरता मिशन. पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि ये योजनाएं किसानों और गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित हैं. ये दोनों योजनाएं भारत के लाखों किसानों का भाग्य बदल देंगी. सरकार इन योजनाओं पर 35,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने जा रही है. इस दौरान पीएम मोदी ने 2014 के बाद से अपने कार्यकाल के दौरान की कृषि क्षेत्र की उपलब्धियां भी गिनाईं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कृषि और खेती-किसानी हमेशा से हमारी विकास यात्रा का एक अहम हिस्सा रहे हैं. दुर्भाग्य से, पिछली सरकारों ने कृषि को नजरअंदाज़ कर दिया. सरकार के पास कृषि के लिए न तो कोई दूरदर्शिता थी और न ही कोई सोच. कृषि से जुड़े विभिन्न सरकारी विभाग अपने-अपने तरीके से काम करते रहे, जिससे भारत की कृषि व्यवस्था लगातार कमज़ोर होती गई. 21वीं सदी के भारत को तेजी से विकास करने के लिए, हमारी कृषि व्यवस्था में सुधार ज़रूरी थे और इसकी शुरुआत 2014 में हुई. हमने कृषि के प्रति पिछली सरकारों के लापरवाह रवैये को बदला. हमने आप सभी किसानों के हित में, बीज से लेकर बाज़ार तक, अनगिनत सुधार और सुधार लागू किए. आज इनके परिणाम सामने हैं.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मेरे आने में देरी हुई क्योंकि मुझे कई किसानों से बात करनी थी. मैंने कई किसानों और मछुआरों से बात की. मुझे कृषि क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं के अनुभव सुनने का अवसर मिला. पिछले 11 सालों में देश के किसानों ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं. आज देश की मानसिकता ऐसी हो गई है कि वो सिर्फ़ कुछ उपलब्धियों से संतुष्ट नहीं होता. अगर हमें विकसित होना है, तो हमें हर क्षेत्र में निरंतर सुधार करना होगा. हमें सुधार करने होंगे. प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना इसी सोच का परिणाम है.
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