
देश के लगभग सभी राज्यों में धान की कटाई शुरू हो चुकी है. वहीं, धान की कटाई शुरू होते ही पराली जलाने के मामले भी सामने आने लगे हैं. बता दें कि पराली को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर राज्य सरकार और सुप्रीम कोर्ट तक अपनी सख्ती दिखा चुकी है. इसके बावजूद उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में शासन से मिली सैटेलाइट रिपोर्ट के माध्यम से जिले में कुल 9 पराली जलाने की घटनाएं चिन्हित हुई हैं.
पराली जलाने की घटना को लेकर जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी के निर्देशानुसार उपजिलाधिकारी, तहसीलदार, राजस्व और कृषि विभाग की टीमों ने तत्काल क्षेत्र भ्रमण कर कार्रवाई की है. इसके अलावा प्रशासन ने किसानों को पराली न जलाने के सख्त निर्देश दिए. साथ ही कई किसानों पर जुर्माना भी लगाया गया.
उपजिलाधिकारी कार्तिकेय सिंह की ओर से ग्राम बन्नी और धरौली में बिना एसएमएस यंत्र लगे दो कम्बाइन हार्वेस्टर और एक ट्रैक्टर सीज़ कर संबंधित थाने भेजा गया. इसके अलावा 5 किसानों पर अर्थदंड लगाया गया. वहीं, तहसीलदार बालेंदु भूषण वर्मा द्वारा ग्राम हमीदनगर के कुछ किसानों अशोक कुमार, शिव कुमार और चंद्रशेखर पर 15,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया.
उपजिलाधिकारी गुंजिता अग्रवाल (आईएएस) के निर्देश पर टीम ने मौके पर जाकर ग्राम त्रिलोकपुर के किसान कमलेश पुत्र दूबर पर 5,000 रुपये का अर्थदंड लगाया. निरीक्षण के दौरान खेतों में कूड़ा जलाने के प्रमाण मिले, जिस पर किसानों को कड़ी चेतावनी देते हुए पराली न जलाने की सख्त हिदायत दी गई. जिला प्रशासन द्वारा स्पष्ट किया गया है कि पराली जलाने पर कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी. वहीं, किसानों से अपील है कि वे पराली न जलाएं और सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए वैकल्पिक साधनों का उपयोग करें.
उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए योगी सरकार ने इस बार फिर से सख्त रुख अपनाया है. प्रदेश के मुख्य सचिव एसपी गोयल ने कहा कि पराली और फसल अपशिष्ट जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है. पराली जलाने की घटनाओं की सेटेलाइट के माध्यम से निगरानी की जा रही है. उन्होंने जिलाधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से इस संवेदनशील मुद्दे पर ध्यान देने और संबंधित विभागों के साथ समन्वय कर ऐसी घटनाएं रोकने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.
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