गोवा में गन्ना किसानों से विरोध प्रदर्शन किया है. सभी गन्ना किसानों ने पणजी के आजाद मैदान में सांवत सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. सभी प्रदर्शनकारी किसान राज्य में संजीवनी चीनी फैक्ट्री को दोबारा शुरू करने की मांग कर रहे थे. हालांकि विरोध के दौरान प्रदर्शनकारी किसानों को गोवा पुलिस ने हिरासत में लिया है. वहीं विपक्ष ने भी गन्ना किसानों के खिलाफ की गई पुलिसिया कार्रवाई का विरोध करते हुए राज्य सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है. इधर गोवा में विपक्ष के नेता यूरी अलेमाओ ने गन्ना किसानों के खिलाफ हुई कार्रवाई की निंदा करते हुए उनके तुरंत रिहाई की मांग की है.
यूरी अलेमाओ ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि सावंत सरकार पहले इन मजदूरों की मांगों को नजरंदाज करती है, उन्हे प्रदर्शन करने पर मजबूर करती है और फिर उनके खिलाफ कार्रवाई करती है. वहीं गोवा मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गन्ना किसानों के मुद्दे पर सफाई देते हुए सभी आरोपों से इंकार किया और कहा कि किसानों को प्रदर्शन करने की कोई जरूरत ही नहीं थी. उन्हे तीन साल तक अच्छे पैसे मिले हैं और आगे भी मिलेंगे, चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.
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गौरतलब है कि किसानों ने अपनी मांगों को लेकर पणजी मैदान से 45 किलोमीटर दूर चीनी फैक्ट्री के पास धारबंदोरा में विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. इसके बाद मांग पूरी ना होती देख प्रदर्शनकारियों ने अपना विरोध का स्थल पणजी कर दिया. साथ ही किसानों ने यह भी कहा कि किसान विरोध कर रहे हैं पर इसके बाद भी कोई सरकारी अधिकारी उनके पास नहीं आए हैं. इसके बाद ही किसान पणजी मैदान में विरोध करने पर मजबूर हुए हैं. गोवा गन्ना उत्पादक संघ के अध्यक्ष ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि राज्य सरकार चीनी मिल को दोबारा शुरू करने के अपने वादे को पूरा करने में विफल रही है.इसलिए उनकी मांग है कि जल्द से जल्द शुगर मिल का संचालन शुरू किया जाए. इसके साथ ही कह का मुख्यमंत्री ने वादा किया था कि नए इथेनॉल संयत्र की स्थापना की जाएगी. हम जानना चाहते हैं कि उसकी स्थापना कब की जाएगी.
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राजेंद्र देसाई ने कहा कि राज्य में एक निजी सार्वजनिक समूह की भागीदारी से इथेनॉल संयत्र स्थापित करने की तैयारी की गई थी. पर अब उसकी मंजूरी दने के लिए सरकार झिझक रही है. विरोध कर रहे किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए उन्हें पिछले तीन महीने से मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और कृषि मंत्री रवि नाइक से मिलने का समय नहीं मिल पा रहा है. पिछले साल भी चीनी मिल को शुरू करने की मांग को लेकर विरोध कर रहे किसानों हिरासत में लिया गया था. बता दें की 2020 में राज्य सरकार ने चीनी कारखाने को बंद कर दिया था, जिसके बाद से किसान अपने उत्पाद को पड़ोसी राज्य में बेच रहे हैं.
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