देश में इस बार लहसुन की कीमत ग्राहकों को परेशान कर रही है और यह फिलहाल इतनी महंगी हो गई है कि यह आम आदमी की रसोई से दूर हो गई है. लहसुन की कीमतों में आई जबदस्त उछाल के पीछे की वजह को लेकर यह माना जा रहा है कि कुछ शहरों में इसकी खुदरा कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है क्योंकि अनियमित म़ॉनसून के कारण इसके उत्पादन में कमी आई है, जबकि दूसरी ओर इसका निर्यात काफी मजबूत हुआ है. उत्पादन में कमी होने की वजह यह है कि इस बार प्रमुख लहसुन उत्पादक राज्यों में बारिश की कमी कमी देखी गई. इसका सीधा असर इसके उत्पादन पर पड़ा है.
लहसुन की बढ़ती कीमतों का आलम यह है कि कुछ शहरों में इसकी खुदरा कीमत 500 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है. यह कीमत पिछले साल के इस अवधि के दौरान चल रही कीमतों से दोगुनी है. जबकि एक महीने पहले तक इसकी कीमत 300-350 रुपए प्रति किलो थी. झारखंड में एक सप्ताह पहले तक खुदरा बाजार में यह 300-320 रुपए किलों की दर से बिक रहा था. भामाशाह मंडी कोटा राजस्थान के अध्यक्ष अविनाश राठी ने कहा कि मंडियों में लहसुन के थोक में फिलहाल 35000 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बिक रहा है. जो जुलाई के बाद बाजार में आए खरीफ लहसुन के निर्यात में तेजी आने के बाद से सबसे अधिक है.
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हालांकि व्यापारियों का मानना है कि अगले महीने के अंत तक लहसुन की कीमतों में कमी आने की संभावना है. क्योंकि उम्मीद की जा रही कि 15 मार्च तक बाजार में रबी लहसुन की आवक शुरू हो जाएगी.एशिया की सबसे बड़ी सब्जी मंडी दिल्ली के आजादपुर मंडी की बात करें तो यहां पर अभी थोक में लहसुन 350 रुपए प्रति किलो की दर से बिक रहा है. गुजरात के एक व्यापारी करण भाई ने बताया कि खरीफ लहसुन की अच्छी कीमतों को देखते हुए अधिकांश किसानों ने अपने सभी उत्पाद बेच दिए हैं. इसलिए फिलहाल बाजार में खरीफ लहसुन की आपूर्ति बहुत कम हो रही है, इसलिए भी कीमतें कम होने का नाम नहीं रही हैं.
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व्यापारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2023-24 में लहसुन का उत्पादन 3.7 मिलियन मिलियन टन हो सकता है. जो 2022-23 में 2.36 मिलियन टन था. जबकि 2021-22 में 3.52 मिलियन टन उत्पादन का अनुमान लगाया गया था. मसाला बोर्ड के अनुसार इस साल की पहली छमाही में लहसुन के निर्यात में 110 फीसदी उछाल आया, जो 56.823 टन रहा. चीन के लहसुन उत्पादन में आई कमी के कारण भारत वित्त वर्ष 2023 में भारत ने लहसुन के निर्यात में तेजी देखी गई. चीन पूरी दुनिया के लहसुन बाजार का 75 फीसदी उत्पादन करता है. जबकि दूसरे नंबर पर भारत है.
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