Delhi-Dehradun Highway: हाईवे पर कट की मांग को लेकर धरनारत किसान की मौत, 3 महीने से जारी है आंदोलन

Delhi-Dehradun Highway: हाईवे पर कट की मांग को लेकर धरनारत किसान की मौत, 3 महीने से जारी है आंदोलन

Delhi-Dehradun Highway: इस क्षेत्र के किसान पिछले तीन महीनों से दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे पर भाजू गांव में एक कट की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं, ताकि फसलों की ढुलाई आसान हो सके. गांव के लोगों का कहना है कि इस कट के न होने से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बुधवार को प्रदर्शनकारी किसानों ने मृतक के शव को धरना स्थल पर रख दिया और उसके परिवार को राहत देने की मांग की.

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हाईवे पर कट की मांग को लेकर धरनारत किसान की मौत, 3 महीने से जारी है आंदोलनकिसान आंदोलन

मुजफ्फरनगर में किसान आंदोलन में शामिल एक किसान की मौत हो गई. यहां दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे पर कट बनाए जाने के लिए लंबे दिनों से किसानों का आंदोलन चल रहा है. इसी दौरान गुरुवार को मुजफ्फरनगर के भाजू गांव में एक किसान की मौत हो गई. शामली जिले के बाबरी पुलिस थाने में यह गांव आता है. सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट हामिद हुसैन के अनुसार, 45 साल के धीरेंद्र की बुधवार को आंदोलन के दौरान मौत हो गई, हालांकि उनकी मौत का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है.

इस क्षेत्र के किसान पिछले तीन महीनों से दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे पर भाजू गांव में एक कट की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं, ताकि फसलों की ढुलाई आसान हो सके. गांव के लोगों का कहना है कि इस कट के न होने से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बुधवार को प्रदर्शनकारी किसानों ने मृतक के शव को धरना स्थल पर रख दिया और उसके परिवार को राहत देने की मांग की. 

प्रशासन ने शांत कराया मामला

बाद में वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी स्थिति को शांत करने के लिए मौके पर पहुंचे और आंदोलनकारी किसानों को आश्वासन दिया. हुसैन ने बताया कि मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है. किसान लंबे दिनों से कट की मांग कर रहे हैं और इसे लेकर भारतीय किसान यूनियन भी अपनी आवाज उठा चुका है.

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भारतीय किसान यूनियन (BKU) के बैनर तले भाजू में कई दिनों से किसान कट की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं. मंगलवार रात को भी किसान धरने पर बैठे थे जिसमें 45 साल के किसान धीरेंद्र भी शामिल थे. बताया जा रहा है कि रात 10.30 बजे धीरेंद्र जैसे ही सोने चले कि उनकी तबीयत खराब हो गई. उन्हें सांस लेने में दिक्कत और सीने में दर्द की शिकायत हुई.

तबीयत बिगड़ने से मौत

साथ के किसानों ने गांव के ही एक डॉक्टर को दिखाया जिसने शामली के लिए रेफर कर दिया. उन्हें शामली के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.

सुबह घटना की जानकारी मिलते ही बीकेयू के कई नेता धरनास्थल पर पहुंचे. इसमें बीकेयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत के भाई नरेंद्र टिकैत भी शामिल रहे. किसान नेताओं ने धीरेंद्र का पोस्टमार्टम के बाद उनके शव पर पुष्पांजलि अर्पित की. इसी दौरान एसडीएम हामिद हुसैन भी वहां पहुंचे. उन्होंने किसानों से कहा कि वे किसान दुर्घटना बीमा के तहत मृतक किसान के परिजनों को 5 लाख रुपये का मुआवजा दिलाएंगे. इसके अलावा अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ धीरेंद्र के परिजनों को दिलाया जाएगा. प्रशासन के आश्वासन के बाद मृतक किसान के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

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