उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड के महोबा जिले में बीते 24 घंटे में हुई रिकॉर्ड 500 मिमी बारिश हुई है. इसके चलते शिवहार बांध रौद्र रूप में आ गया है. वहीं, भारी जलभराव के चलते सिंचाई विभाग को बांध के फाटक खोलने पड़े, जिससे आसपास की नदियां उफान पर आ गई हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. इस प्राकृतिक आपदा के बीच एक बुजुर्ग किसान दंपति और उनके दो मवेशी जलभराव में फंस गए, लेकिन प्रशासनिक तत्परता ने समय रहते राहत पहुंचाकर एक बड़ा हादसा होने से बचा दिया.
प्राकृतिक आपदा के दौरान एक बुजुर्ग दंपति और उनके दो मवेशी जलभराव में फंस गए. यह घटना कबरई विकासखंड के सिंघनपुर बघारी गांव की है, जहां निवासी कालीदीन विश्वकर्मा अपनी पत्नी सूरज देवी के साथ खेत में मूंगफली की रखवाली कर रहे थे. लेकिन लगातार हो रही मूसलाधार बारिश और बांध के फाटक खुलने के बाद पास की नदी अचानक उफान पर आ गई. फिर कुछ ही घंटों में जलस्तर इतना बढ़ गया कि वे खेत में ही फंस गए. दरअसल, बीती रात साढ़े 11 बजे से लगातार पानी के बीच फंसे रहने के बाद ग्रामीणों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई. मामले की गंभीरता को भांपते हुए जिला प्रशासन ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया.
नायब तहसीलदार विवेक सिंह के नेतृत्व में आल्हा वोट क्लब की पांच सदस्यीय स्टीमर टीम को मौके पर भेजा गया. चार घंटे की कठिन रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद शाम 7 बजे टीम ने दंपति और उनके दोनों मवेशियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया. स्टीमर से बाहर आते ही कालीदीन और सूरज देवी ने प्रशासन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार का आभार जताया.उन्होंने कहा कि समय पर सहायता नहीं मिलती, तो उनका जान बचना मुश्किल था. मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार ने ग्रामीणों से सतर्कता बरतने की अपील की और भरोसा दिलाया कि प्रशासन हर परिस्थिति के लिए तैयार है.
महोबा के नायब तहसीलदार विवेक सिंह तोमर ने कहा कि यह घटना प्रशासन की तत्परता और समर्पण की मिसाल बन गई है. संकट की इस घड़ी में त्वरित और संगठित प्रयासों ने न सिर्फ जान-माल की रक्षा की, बल्कि यह संदेश भी दिया कि सही समय पर लिए गए फैसले कितनी बड़ी आपदा को टाल सकते हैं.
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