Jagjit Dallewal: शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है. किसान अपनी मांगों को लेकर ‘दिल्ली कूच’ पर भी लगातार अड़े हुए हैं. इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता और बीकेयू (सिद्धूपुर) के राज्य महासचिव काका सिंह कोटड़ा ने बुधवार को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि किसान नेता डल्लेवाल किसानों की मांगों को पूरा करवाने के लिए अपने प्राणों की आहुति देने के लिए तैयार हैं. उन्होंने यह बात खनौरी बॉर्डर पर एक सभा को संबोधित करते हुए कही. वहीं, उनकी लगातार हो रही सेहत में गिरावट को देखते हुए किसानों से मुलाकात को रोक दी गई है. संक्रणण फैलने के डर से भी उनकी मुलाकात बाकी किसानों से रोक दी गई है.
खनौरी धरना स्थल से अनशनरत जगजीत सिंह डल्लेवाल को जबरन हटाए जाने की आशंका जताते हुए कोटड़ा ने किसानों से मोर्चा मजबूत करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि अगर पुलिस कार्रवाई के बावजूद वे डल्लेवाल को मोर्चा स्थल पर बनाए रखने में सफल हो जाते हैं तो यह उनके लिए एक उपलब्धि होगी.
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उन्होंने कहा कि डल्लेवाल ने अपना जीवन बलिदान करने का मन बना लिया है, क्योंकि लोग किसान नेताओं की आलोचना कर रहे हैं कि उन्होंने सड़कें बंद करके या विरोध प्रदर्शन आयोजित करके समस्याएं पैदा की हैं. कोटड़ा ने किसानों से राज्य भर से खनौरी धरना स्थल की ओर बढ़ने का आह्वान भी किया है.
बता दें कि खनौरी और राज्य भर के गांवों में किसानों ने मोर्चे की सफलता और डल्लेवाल की खुशहाली के लिए अरदास भी की. वहीं, आज 17वें दिन भी खनौरी बॉर्डर पर डल्लेवाल का आमरण अनशन जारी है. 16 दिनों से लगातार अनशन करने की वजह से डल्लेवाल के वजन में कमी आई है. डॉक्टरों ने मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए कहा कि उनका वजन 12 किलो से अधिक कम हो चुका है और कभी भी किडनी फेल हो सकती है, कभी भी दिल का दौरा पड़ सकता है या फिर लीवर को ज्यादा नुकसान हो सकता है.
केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने किसानों से 14 दिसंबर को दिल्ली की ओर "मरजीवड़ा जत्था" न भेजने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा है कि इस मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है. पटियाला के दौरे पर उन्होंने कहा कि वह प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत करने और सरकार के सामने उनके मुद्दे उठाने के लिए तैयार हैं, साथ ही उन्होंने किसानों से अपना विरोध खत्म करने का आग्रह भी किया. दूसरी ओर किसान नेताओं ने कहा कि वे 13 फरवरी से सीमा पर बैठे हैं और बिट्टू उनसे आकर बात करने के लिए स्वतंत्र हैं.
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