मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोलार सिक्स लेन पर नगर निगम की लापरवाही का एक मामला सामने आया है जहां बिना किसी सुरक्षा के सैंकड़ों पेड़ सिक्स लेन पर लगा दिए गए तो मवेशियों का चारा बन गए. अब निगम इस मामले में कार्रवाई की बात कर रहा है.
दरअसल, भोपाल के उपनगरीय क्षेत्र कोलार की लाइफ लाइन कहे जाने वाले सिक्स लेन के सौंदर्यीकरण के तहत नगर निगम सिक्स-लेन के डिवाइडर पर करीब 20 हज़ार पौधे लगाने जा रहा है. इसके साथ ही वहां फेंसिंग भी लगनी है. इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 10 करोड़ रुपये है जिसमें मेंटेनेंस भी शामिल है. हाल ही में हुई बारिश के बाद ठेकेदार ने पौधे लगाने तो शुरू कर दिए लेकिन इन पौधों की सुरक्षा के लिए उनके आसपास न तो फेंसिंग की और ना ही ट्री गार्ड लगाए. नतीजा मवेशियों ने पौधों को चारा समझ कर खा लिया और अब सिर्फ वहां उनके ठूंठ ही दिखाई दे रहे हैं.
नगर निगम के पास फ़िलहाल यह आंकड़ा तो नहीं कि कितने पौधे लगे थे लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि कुल पौधों के करीब 25 फीसदी पौधे लगाए जा चुके थे जो सब के सब मवेशी खा गए. कोलार सिक्स लेन के सेंट्रल वर्ज पर वोगनवेलिया, पीपल, चंपा, पाम ट्री जैसे पौधे लगाए गए थे लेकिन उनमें से कई को मवेशी खा गए जबकि कुछ ऐसे पौधे हैं जो मवेशी खाते नहीं, लेकिन उनके खुर से वो कुचले गए.
नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने 'आजतक' से बात करते हुए कहा कि मामला संज्ञान में आया है और हम उसकी जानकारी ले रहे हैं कि कितने पौधे लगाए जा चुके थे और इसपर कितना खर्चा हुआ है. मामले में कार्रवाई की जाएगी. वहीं निगम की उद्यानिकी शाखा के प्रमोद मालवीय ने 'आजतक' से बात करते हुए कहा कि ठेकेदार को काम की शर्तों के तहत पहले ग्रिल या जाली लगाना जरूरी था लेकिन बारिश के चलते उसने पौधे लगा दिए जो मवेशी ने खा लिए हैं. हालांकि हमारी टेंडर शर्तों के मुताबिक पौधों को लगाने के साथ-साथ सेंट्रल वर्ज को सुरक्षित करना भी ठेकेदार की जिम्मेदारी है. वहीं जो पौधे मवेशी खा गए हैं वो भी ठेकेदार ही दोबारा लगाएगा. अगर ऐसा नहीं हुआ तो निगम के पास उसके भुगतान को रोकने का अधिकार है.
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