![जयराम रमेश ने केंद्र सरकार पर किया हमला. (सांकेतिक फोटो) जयराम रमेश ने केंद्र सरकार पर किया हमला. (सांकेतिक फोटो)](https://akm-img-a-in.tosshub.com/lingo/ktak/images/story/202402/65cb6d014a849-jairam-ramesh-132207194-16x9.jpg?size=948:533)
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के हितों के लिए आवाज उठाने वाले चौधरी चरण सिंह और कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किया है, लेकिन वह किसानों के साथ “अन्याय” कर रही है. दरअसल, कांग्रेस की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के दौरान छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयराम रमेश ने ये बातें कहीं. इस दौरान उन्होंने भाजपा के साथ हाथ मिलाने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू नेता नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा और उन्हें "पलटी कुमार" करार दिया. उनकी टिप्पणी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने की मांग कर रहे हजारों किसानों द्वारा किए गए 'दिल्ली चलो' मार्च के आह्वान के बाद आई है.
दरअसल, 'दिल्ली चलो' मार्च को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए सीमा बिंदुओं पर मल्टी-लेयर बैरिकेड्स, कंक्रीट ब्लॉक, लोहे की कीलों और कंटेनरों की दीवारों के साथ दिल्ली में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. राष्ट्रीय राजधानी को एक आभासी किला बना दिया गया है और अधिकारियों ने किसानों को शहर में प्रवेश करने से रोक दिया है.
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जयराम रमेश ने कहा कि कुछ समय पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने महान किसान नेता चरण सिंह और 'हरित क्रांति के जनक' स्वामीनाथन को मरणोपरांत भारत रत्न (देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान) देने की घोषणा की और हम इस फैसले का स्वागत करते हैं. उन्होंने दावा किया कि लेकिन सरकार, जिसने दो दिग्गजों के लिए प्रतिष्ठित सम्मान की घोषणा की है, किसानों के साथ अन्याय कर रही है. रमेश ने कहा कि किसान तीन-चार मांगों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिन्हें मोदी सरकार ने तीन 'काले' कृषि कानूनों को वापस लेते समय पूरा करने का वादा किया था.
उन्होंने कहा कि किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं और स्वामीनाथन के फॉर्मूले के अनुसार एमएसपी फसलों की उत्पादन लागत का 1.5 गुना तय किया जाना चाहिए. रमेश ने दावा किया कि मोदी सरकार ने "चंदादाताओं" (दान देने वालों) के 14 लाख करोड़ रुपये के ऋण माफ कर दिए, लेकिन "अन्नदाता" (किसानों का जिक्र करते हुए) के 1 लाख करोड़ रुपये के ऋण नहीं माफ किए. उन्होंने कहा कि 2008 में केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने किसानों का 72,000 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया था. उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार किसानों को दिया गया अपना आश्वासन पूरा नहीं कर रही है, जो उसकी मंशा को दर्शाता है.
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