Asian Games में गोल्ड जीतने वाली किसान की बेटी सिफत का हुआ जोरदार स्वागत, खुशी से झूम उठे गांव के लोग

Asian Games में गोल्ड जीतने वाली किसान की बेटी सिफत का हुआ जोरदार स्वागत, खुशी से झूम उठे गांव के लोग

पंजाब के छोटे से जिले फ़रीदकोट के एक किसान की बेटी ने विश्व रिकॉर्ड बनाया है. चीन में चल रहे एशियन गेम्स में 50 मीटर राइफल-3 में गोल्ड मेडल जीत कर सिफत कौर समरा ने अपने साथ-साथ अपने पिता और इलाके का नाम रोशन किया है.

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Asian Games में गोल्ड जीतने वाली किसान की बेटी सिफत का हुआ जोरदार स्वागत, खुशी से झूम उठे गांव के लोगगोल्ड जीतने वाली किसान की बेटी सिफत का हुआ जोरदार स्वागत

पंजाब के छोटे से जिले फ़रीदकोट के एक किसान की बेटी ने विश्व रिकॉर्ड बनाया है. 21 साल की उम्र में सिफत कौर समरा ने वो पदवी हासिल की है, जो हर खिलाड़ी का सपना होता है. चीन में चल रहे एशियन गेम्स में 50 मीटर राइफल-3 में गोल्ड मेडल जीत कर सिफत कौर समरा ने अपने साथ-साथ अपने पिता और इलाके का नाम खूब रोशन किया. पहली बार सिंगल में भारत के लिए गोल्ड जीतकर विश्व रिकॉर्ड बनाया. सिफत कौर समरा ने अब तक करीब 05 गोल्ड मेडल अंतरराष्ट्रीय गेम में जीते हैं. वहीं नेशनल लेवल पर 10 गोल्ड और सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं.

बेटी का सपना पूरा करने के लिए उनके पिता ने घर पर ही शूटिंग रेंज बना दी थी. गेम के लिए सिफत ने एमबीबीएस की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी. वहीं सिफत अब ग्रेजुएशन कर रही हैं. सिफत के पिता को बेटी पर गर्व है. उनके पिता ने बताया कि अब उनको लोग उनकी बेटी सिफत के नाम से जानते हैं.

सिफत को सरकार दे अच्छी नौकरी

सिफत कौर समरा के पिता ने बताया कि बच्ची को ऐसा न लगे कि एमबीबीएस की पढ़ाई छोड़ कोई गलती की. इसलिए एक अच्छी और सम्मान वाली नौकरी सरकार को देनी चाहिए. सिफत कौर समरा का सपना है कि वे पंजाब में ही एक किसी पद पर बड़े अफसर बन कर लोगों की सेवा करें.

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पिता ने घर में ही बना दी शूटिंग रेंज 

गोल्डन गर्ल सिफत कौर समरा ने बताया कि यहां तक पहुचने के लिए परिवार का बहुत सहयोग रहा. खास कर पिता का क्योंकि फ़रीदकोट जिले या आस पास के जिले में कही भी कोई शूटिंग रेंज नहीं थी. उन्होंने बताया कि उन्हें चंडीगड़ जा कर अभ्यास करना पड़ता था. इसलिए उनके पिता ने उनके सपने को पूरा करने के लिए घर में ही शूटिंग रेंज बना दी. उसी वजह से आज वे यहां तक पहुंची हैं. उन्होंने बताया कि चीन में जाकर उनको वहां उनकी जमीन पर उनके खिलाड़ियों को हराना बहुत बड़ी चुनोती थी.

बेटी की वजह से नाम हुआ ऊंचा 

वहीं इस मौके पर सिफत के पिता ने बताया कि आज उन्हें बहुत मान महसूस हो रहा है कि उनकी बेटी की वजह से उनका नाम ऊंचा हुआ है. उन्होंने बताया कि जब बेटी ने MBBS की पढ़ाई गेम के लिए छोड़ी थी, तब बहुत दुख हुआ था. पर आज बहुत खुशी महसूस हो रही है. उन्होंने बताया कि बेटी के लिए घर में ही शूटिंग रेंज बनाया. जहां फ़रीदकोट की कोई भी बेटी या बेटा आ कर अभ्यास कर सकता है. ये शूटिंग रेंज सभी के लिए ओपन है. वहीं उन्होंने अपील की है कि सरकार बेटी को कोई अच्छी नौकरी दे.

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