किसान की बेटी पारूल ने Asian Games में जीता गोल्ड, पूरे मेरठ में खुशी का माहौल

किसान की बेटी पारूल ने Asian Games में जीता गोल्ड, पूरे मेरठ में खुशी का माहौल

मेरठ के छोटे से गांव इकलौता की रहने वाली पारूल चौधरी ने एशियन गेम्स 2023 में शानदार प्रदर्शन किया. पारूल चौधरी ने अपनी कड़ी मेहनत से 5000 मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल जीता है. पारूल एक किसान की बेटी हैं. पारूल के इस जीत से उनके गांव में जश्न का माहौल है.

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किसान की बेटी पारूल ने Asian Games में जीता गोल्ड, पूरे मेरठ में खुशी का माहौलकिसान की बेटी पारूल ने जीता गोल्ड

मेरठ की रहने वाली पारूल चौधरी ने देश को गोल्ड मेडल दिला कर देश का मान बढ़ाया है. मेरठ की रहने वाली बेटी ने चीन में चल रहे एशियाई गेम्स 2023 में शानदार प्रदर्शन किया और गोल्ड मेडल जीता. पारूल चौधरी ने एशियन गेम्स 2023 में शानदार प्रदर्शन किया. इससे पहले सोमवार को पारूल ने महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपल चेज में सिल्वर मेडल जीता था. वहीं पारूल चौधरी ने 5000 मीटर दौड़ में गोल्ड जीता है.

मेरठ के छोटे से गांव इकलौता की रहने वाली पारूल एक किसान की बेटी हैं. पारूल के इस प्रदर्शन से उनके गांव में जश्न का माहौल है. हर किसी की जुबान पर बस पारूल का ही नाम है. पारूल चौधरी की इस कामयाबी से परिजनों में खुशी का माहौल है. पारूल चौधरी के पिता कृष्ण पाल सिंह किसान हैं और माता राजेश देवी हाउसवाइफ हैं. दोनों ने ही बड़ी मेहनत से अपने बच्चों को पढ़ा लिखा के काफी परेशानियां झेल कर यहां तक पहुंचने में उनका साथ दिया है.

पारूल के पिता बेटी की कामयाबी से खुश 

पारूल के पिता कृष्ण पाल अपनी बेटी की कामयाबी से काफी खुश हैं. उन्होंने बेटी के जीतने पर मिठाई खिलाकर और ढोल बजाकर अपनी खुशी का इजहार किया. परिजनों का कहना है कि पारूल ने बचपन में काफी परेशानियों से अपना वक्त गुजरा है. वो साइकिल से पैदल और ऑटो में बैठकर मेरठ के कैलाश प्रकाश स्टेडियम में अपनी प्रैक्टिस करने जाया करती थीं.

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पारूल चौधरी ने किया है बहुत संघर्ष 

परिजनों का कहना है कि पारूल चौधरी ने बहुत संघर्ष किया है. वह गांव से मेरठ के सिवाया टोल प्लाजा तक साइकिल से जाती थीं. उसके बाद मेरठ के बेगम पुल तक ऑटो से जाती थीं और बेगम पुल से कैलाश प्रकाश स्टेडियम तक पैदल जाया करती थीं. बेगमपुर से कैलाश प्रकाश स्टेडियम की दूरी लगभग तीन किलोमीटर है. वहीं पारूल के गांव से बेगम पुल की दूरी लगभग 15 किलोमीटर है.

जॉइन करना चाहती हैं पुलिस की नौकरी

गोल्ड मेडल जीतने के बाद पारूल ने परिजनों को बताया कि वह गोल्ड मेडल पाने से काफी खुश हैं. वह जल्द ही पुलिस की नौकरी जॉइन करना चाहती हैं. परिजनों ने बताया कि सरकार ने यह फैसला किया है कि जो भी खिलाड़ी गोल्ड जीत कर आएगा उसको पुलिस में डीएसपी के पद पर तैनात किया जाएगा. वही गांव के लोगों में भी काफी खुशी का माहौल है और पारूल के घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. पारूल की बड़ी बहन भी स्पोर्ट्स कोटे से सरकारी नौकरी पर हैं और पारूल का एक भाई भी उत्तर प्रदेश पुलिस में है.

(उस्मान चौधरी की रिपोर्ट)

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