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बारिश में मुर्गियों को जानलेवा बीमारी का खतरा, FMD का शिकार हो सकते हैं मवेशी, बचाव में IMD ने दी सलाह

बारिश में मुर्गियों को जानलेवा बीमारी का खतरा, FMD का शिकार हो सकते हैं मवेशी, बचाव में IMD ने दी सलाह

बरसात की शुरुआत में मवेशियों में फुट एंड माउथ डिजीज (FMD) का प्रकोप देखा जाता है. बारिश के दौरान चरने वाले पशुओं में यह समस्या देखी जाती है. इससे बचाव जरूरी है. वहीं, मुर्गिंयों में ओसिस्ट फैलने की आशंका रहती है. किसानों को इससे भी बचाव का तरीका जानना चाहिए.

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मवेशियों के लिए सलाह (सांकेतिक तस्वीर) मवेशियों के लिए सलाह (सांकेतिक तस्वीर)

देश में गर्मियों के बाद अब बारिश का मौसम आने वाला है. कई राज्यों में मॉनसून की शुरुआत हो चुकी है. आने वाले 15 दिनों के अंदर मॉनसून का प्रसार पूरे देश में हो जाएगा और बारिश होगी. इसके साथ ही तापमान में भी बदलाव होगा. तापमान में उतार-चढ़ाव और मौसम में नमी होने के साथ ही कई प्रकार की बीमारियां भी आती हैं. इसका असर इंसानों के साथ-साथ पशु पक्षियों और खेत में लगी फसलों पर भी पड़ता है. इससे किसानों को नुकसान होता है. किसानों को इस नुकसान से बचाने के लिए समय-समय पर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की तरफ से एडवाइजरी जारी की जाती है. इसका पालन करके किसान नुकसान से बच सकते हैं. 

आईएमडी की तरफ से जारी बुलेटिन में कहा गया है कि अरुणाचल प्रदेश में लंबे समय तक बारिश के होने से इस दौरान मुर्गियों में कोक्सीडियोसिस का खतरा बढ़ जाता है. इससे बचाव के लिए आवश्यक उपाय करना चाहिए. इस बीमारी के फैलाव को कम करने के लिए मुर्गियों के रहने वाले स्थान को सूखा और साफ बनाए रखें. कूड़ा कचरा को साफ रखें. मुर्गियों में इसका प्रकोप होने पर वेटनरी डॉक्टर से संपर्क करें. उनकी सलाह पर मुर्गियों को चारा और पानी के साथ मिलाकर एंटीकोसीडियल दवाएं या कोक्सीडियोस्टेट दें. साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि उचित स्वच्छता रखी जाए ताकि संक्रमण न फैले. 

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एफएमडी से करें बचाव

बारिश के मौसम में मवेशियों में एक और बीमारी का जबरदस्त प्रकोप देखा जाता है. बरसात की शुरुआत में मवेशियों में फुट एंड माउथ डिजीज (FMD) का प्रकोप देखा जाता है. दरअसल बारिश की शुरुआत के दौरान चरने वाले पशुओं में यह समस्या देखी जाती है. इससे बचाव के लिए पहले ही पशुओं का टीकाकरण करा देना चाहिए. अगर मवेशी इस रोग की चपेट में आ जाए तो फिर तुरंत ही पशु चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए. उसके रहने वाली जगह को साफ रखना चाहिए और खाना और पानी देने वाले बर्तन को समय-समय पर सेनेटाइज करते रहना चाहिए. 

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शेड के आस-पास जलभराव रोकें 

बारिश के मौसम में अन्य बीमारियों से बचाने के लिए पशुओं को नदी या तालाब से दूर रखना चाहिए. उन्हें पीने के लिए शुद्ध पानी देना चाहिए. मवेशियों के रहने वाले स्थान पर एक ही जगह पर अधिक मवेशियों को नहीं रखना चाहिए. साथ ही उनके लिए प्रचुर मात्रा में चारा या अन्य मोटे अनाज की व्यवस्था करनी चाहिए. पशुओं के चारे में मिनरल मिक्सचर के साथ-साथ खनिज की भी पर्याप्त मात्रा और अनुपूरक आहार दें. उनके रहने वाले शेड के चारों तरफ जल निकासी के लिए उचित व्यवस्था करें. शेड के आस-पास जल जमाव से बचना चाहिए. पशुओं के चारे को उचित स्थान पर सुखा कर रखें. जानवरों को किसी भी धातु की वस्तु, खंभे, मशीनरी आदि के पास न बांधें.