किसानों को खेत से प्रयोगशाला तक जोड़ने का बन रहा रोडमैप, कृषि मंत्री बोले- विकसित भारत के लिए विकसित खेती जरूरी

किसानों को खेत से प्रयोगशाला तक जोड़ने का बन रहा रोडमैप, कृषि मंत्री बोले- विकसित भारत के लिए विकसित खेती जरूरी

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि झारखंड में आकर मैंने जमीनी दौरा किया है. प्रधानमंत्री मोदी का जो संकल्प है- विकसित भारत के लिए विकसित खेती जरूरी है. इसके लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है. खेत से लेकर प्रयोगशालाओं तक किसानों को जोड़ा जाएगा.

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किसानों को खेत से प्रयोगशाला तक जोड़ने का बन रहा रोडमैप, कृषि मंत्री बोले- विकसित भारत के लिए विकसित खेती जरूरीकृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि खेत से लेकर प्रयोगशालाओं तक किसानों को जोड़ने के लिए रोडमैप तैयार हो रहा है.

किसान कल्याण के साथ ही उन्नत तरीके से खेती किए जाने को लेकर मोदी 3.0 सरकार का खास फोकस दिख रहा है. 100 दिन के विकास एजेंडे के साथ जमीन पर उतरे कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान आज 23 जून को झारखंड के रांची पहुंचे. रांची में उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लिए विकसित खेती जरूरी है. खेत से लेकर प्रयोगशालाओं तक किसानों को जोड़ने के लिए रोडमैप तैयार हो रहा है. विज्ञान से किसान को जोड़ने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने झारखंड में परंपरागत खेती के अलावा फूलों की खेती, फलों और सब्जी की खेती के साथ ही लाख की खेती के विकास पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि झारखंड में कृषि क्षेत्र के लिए अपार संभावनाएं हैं. 

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा ने कहा कि झारखंड में आकर मैंने जमीनी दौरा किया है. प्रधानमंत्री मोदी का जो संकल्प है- विकसित भारत के लिए विकसित खेती जरूरी है. इसके लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है. खेत से लेकर प्रयोगशालाओं तक किसानों को जोड़ा जाएगा. विज्ञान से किसान को जोड़ने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि झारखंड में कृषि को लेकर अपार संभावनाएं हैं. यहां परंपरागत खेती के अलावा फूलों की खेती, फलों की खेती, सब्जी की खेती है. लाख की खेती की भी अपार संभावनाएं हैं.

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मंत्रालय हर संभव मदद के लिए तैयार

अपने रांची दौरे दे दौरान कृषि मंत्री रांची के नामकुम स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद पूर्वी प्रक्षेत्र के परिसर में भी गए, जहां पर उन्होंने चंदन का एक पेड़ लगाया. इसके बाद उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तीनों संस्थानों के निदेशकों के साथ बैठक की जिन्होंने अपने-अपने संस्थान में किए जा रहे कार्यों की कृषि मंत्री का जानकारी दी. तीनों संस्थानों के निदेशकों से जानकारी प्राप्त करने के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें कृषि मंत्रालय का जिम्मा दिया गया है. कृषि मंत्री बनने के बाद वो पहली बार अपने कार्य की शुरुआत रांची से कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि तीनों संस्थानों में शोध और नए आविष्कार के लिए जिन भी चीजों की आवश्यकता होंगी, मंत्रालय की तरफ से वो सुविधाएं प्रदान की जाएंगी. 

किसानों की आय बढ़ाने पर हो काम

उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित वैज्ञानिकों से आह्वान करते हुए कहा कि पारंपरिक कृषि के साथ-साथ अन्य बेहतर कृषि प्रणालियों के विकास से ही उत्पादन और किसानों की आय को बढ़ाया जा सकता है. किसानों की आय कैसे बढ़ाई जाए और किसानों को तकनीकी तौर पर सक्षम बनाने के लिए क्या शोध किए जाए इस पर जोर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ेगी तब ही देश मजबूत होगा. शिवराज सिंह ने कहा कि वो चाहते हैं कि दश की तीन करोड़ लखपति दीदियों में से कम से कम एक लाख लखपति दीदी लाह उत्पादन और इससे संबंधित व्यवसायों से जुड़ें. इससे सभी को लाभ होगा. इसके लिए पहल करने की जरूरत है. 

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लाह को पूरे देश में मिले कृषि का दर्जा

राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान के निदेशक डॉक्टर अभिजीत कर ने संस्थान की गतिविधियों ,कार्यक्रमों ,शोध कार्यक्रम ,शिक्षा कार्यक्रम आदि के बारे में संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया. उन्होंने कृषि मंत्री को बताया कि झारखंड और छत्तीसगढ़ में लाह की फसल को कृषि का दर्जा दिया गया है. इसी तरह यदि अन्य राज्यों में लाख को कृषि का दर्जा दिया जाए तो किसानों की आय बढ़ेगी और वह काफी सशक्त होंगे. बता दे कि अन्य राज्यों में लाह को वन उपज के रूप में माना गया है, जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ इसकी खेती करने वाले किसानों को नहीं मिल पाता है. 

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