
Uttar Pradesh Farmers: आज उत्तर प्रदेश चावल उत्पादकता में राष्ट्रीय औसत उत्पादकता के करीब पहुंच चुका है. इसे सामूहिक प्रयास से और आगे ले जाना है. इसके साथ ही दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भरता के लिए सरकार ने 10 लाख किसानों को निःशुल्क बीज उपलब्ध करावाये हैं. यह बात शनिवार को सर्किट हाउस गोरखपुर स्थित एनेक्सी भवन में मंडलीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी-2024 का आयोजन के दौरान प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कही. कार्यक्रम के दौरान उन्होंने सभी अधिकारियों तथा सहभागी किसानों से अपील की कि हमें सामूहिक प्रयासों से प्रदेश को कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट बनाना है. उन्होंने किसानों उनकी प्रत्येक समस्या का उचित समाधान करने का आश्वासन भी दिया.
कृषि मंत्री शाही ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वे कृषि के साथ बागवानी, पशुपालन एवं मत्स्य पालन में भी ध्यान दें जिससे उनकी आजीविका बढ़ सके. राज्य सरकार भी इसके लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लगातार प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि उप्र को कृषि क्षेत्र में देश में अग्रणी राज्य बनाना है. मंत्री ने कहा कि दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भरता के लिए सरकार ने 10 लाख किसानों को निःशुल्क बीज उपलब्ध करावाये हैं. इन प्रयासों के फलस्वरूप विगत सात वर्षों में प्रदेश में दलहन के उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है. दलहन के साथ तिलहन के उत्पादन के लिए भी राज्य सरकार द्वारा कार्य किया जा रहा है. बीते 7 वर्षों में तिलहन के उत्पादन में लगभग 8.5 लाख टन की वृद्धि हुई है.
उन्होंने कहा कि नंद बाबा दुग्ध मिशन तथा गौ-संवर्धन योजना के माध्यम से दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के लिए प्रयास किया जा रहा है. चारा उत्पादन के लिए भी किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. वहीं गन्ना किसानों को समय पर भुगतान, बंजर भूमि विकास हेतु जिप्सम का वितरण, एफपीओ को कृषि यंत्रों पर अनुदान, एमएसपी में निरन्तर वृद्धि आदि प्रयासों के माध्यम से सरकार कृषि विकास एवं किसान कल्याण के लिए निरन्तर कार्य कर रही है.
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि बीज के लिए सीड हब का निर्माण किया गया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में सीड पार्क भी बनाये जा रहे हैं ताकि किसान बीज खरीदने के साथ बीज का उत्पादन भी करें.
उन्होंने किसानों से ढैचा की खेती करने का आह्वान करते हुए कहा कि यह अत्यंत कम लागत वाली कृषि है जो आय के साथ भूमि के स्वास्थ्य को भी उत्तम बनाएगी. इस अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने कहा कि किसान उत्पादन बढ़ाने के लिए समतल भूमि पर रेखीय बुआई करें. सूक्ष्म सिचांई पद्धति यथा स्प्रिंकलर एवं ड्रीप सिचांई विधि अपनाएं. इसी क्रम में अपर मुख्य सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने किसानों को आश्वस्त करते हुए कहा कि प्रदेश में बीज एवं खाद की कमी नहीं है. उन्होंने मौजूद अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि खाद की अर्न्तराज्यीय सीमा पार अवैध निर्यात पर सख्त निगरानी रखें.
प्रमुख सचिव पशुधन विभाग रविंदर ने भी किसानों को विभाग द्वारा पशुपालन हेतु चलाई जा रही योजनाओं से अवगत कराया और किसानों से अनुरोध किया कि अपने पशुओं की ईयर टैगिंग अवश्य कराएं. किसान भाई पशुधन एप पर अपने पशुओं का रजिस्ट्रेशन अवश्य करें ताकि उन्हें विभिन्न शासकीय सहायता सरलता से प्राप्त हो सके.
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