Tea Farming: भारत से बढ़ा चाय का निर्यात, अब तक 6582 करोड़ रुपये की हुई कमाई

Tea Farming: भारत से बढ़ा चाय का निर्यात, अब तक 6582 करोड़ रुपये की हुई कमाई

इंडिया टी एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के चेयरमैन अंशुमान कनोरिया ने कहा कि श्रीलंका के चलते भारत को कुछ अवसर जरूर मिले हैं, लेकिन श्रीलंका का मुद्दा अभी गंभीर बना हुआ है. इसे देखते हुए इस साल के चाय निर्यात को पिछले साल की तरह मजबूत नहीं मान सकते. हालांकि अभी इसमें कुछ तेजी जरूरी है.

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Tea Farming: भारत से बढ़ा चाय का निर्यात, अब तक 6582 करोड़ रुपये की हुई कमाईभारत से चाय निर्यात में इस साल तेजी देखी जा रही है

भारत के चाय निर्यात में इस साल कुछ तेजी देखी जा रही है. 2022-23 वित्त वर्ष में चाय के निर्यात में लगभग 18 फीसद की तेजी दर्ज की गई है. पिछले साल भारत ने जहां 5596 करोड़ रुपये की चाय का निर्यात किया था. वही इस बार यह राशि 6582 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल सबसे अधिक निर्यात रूस और संयुक्त अरब आमिरात को किया गया है. निर्यात में वृद्धि की यह जानकारी वाणिज्य मंत्रालय ने दी है.

निर्यात से जुड़े सूत्रों ने पहले ही इस बात का अनुमान जताया था कि इस बार भारत से चाय का निर्यात बढ़ेगा क्योंकि श्रीलंका अभी पूरे परिदृश्य से गायब है. श्रीलंका में हालात अभी पूरी तरह से सुधरे नहीं हैं, इसलिए भारत की चाय पूरी दुनिया में अपनी पहुंच बढ़ा रही है. श्रीलंका पूर्व में चाय के निर्यात में बड़ा नाम दर्ज कराता रहा है. पर स्थिति अभी अनुकूल नहीं है.

दूसरी ओर, भारत के निर्यातकों को ईरान में पनप रही विपरीत परिस्थितियां सावधान कर रही हैं. हाल के दिनों में ईरान के हालात ठीक नहीं चल रहे. वैश्विक मोर्चे पर उसे कई चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है. ईरान चूंकि भारत से सबसे अधिक चाय की खरीदारी करता है. इसलिए निर्यातकों में चिंता है कि आने वाले समय में क्या होगा.

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इंडिया टी एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के चेयरमैन अंशुमान कनोरिया ने 'बिजनेसलाइन' से कहा कि श्रीलंका के चलते भारत को कुछ अवसर जरूर मिले हैं, लेकिन श्रीलंका का मुद्दा अभी गंभीर बना हुआ है. इसे देखते हुए इस साल के चाय निर्यात को पिछले साल की तरह मजबूत नहीं मान सकते. हालांकि अभी इसमें कुछ तेजी जरूरी है.

मौजूदा समय में ईरान भारत के ऑर्थोडोक्स चाय की आधे से अधिक खरीदारी करता है. अभी जो ईरान में हालात हैं, उसे लेकर हर कोई असमंसज में है. पता नहीं चल रहा कि आगे क्या होगा. तीन महीने से अधिक समय हो गए जब ईरान ने भारत से चाय की खरीदारी का कोई नया कांट्रैक्ट साइन नहीं किया है. ऑर्थोडोक्स चाय के बाजार खुल रहे हैं, खेप भी जा रही है. मगर यह तय नहीं कि पेमेंट कब तक मिलेगा.

कनोरिया कहते हैं कि ईरान से नए ऑर्डर नहीं मिल रहे हैं जिससे स्थिति और भी खराब होती जा रही है. दूसरी ओर, साऊथ इंडिया टी एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के चेयरमैन दीपक शाह कहते हैं, रूस अभी भारत से तेजी से चाय खरीद रहा है. हाल में रूस के साथ रुपया-रूबल का एग्रीमेंट हुआ है जिससे आने वाले दिनों में चाय के निर्यात में और तेजी देखे जाने की संभावना है. 

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ईरान के साथ भी रुपया के एग्रीमेंट की बात चल रही है, लेकिन मामला अभी फंसा हुआ है. जब तक नए कांट्रैक्टर साइन नहीं हो जाते, तब तक चाय के निर्यात पर संकट के बादल छाए रह सकते हैं. ईरान सरकार को भारत के साथ चाय के आयात पर एग्रीमेंट करना है, पर अभी तक वहां की सरकार ने इसे शुरू नहीं किया है और न ही वजह की जानकारी मिल रही है. इसे देखते हुए मौजूदा साल में चाय का निर्यात कुछ मुश्किल दौर से गुजर सकता है.

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