
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों आधिकारिक रूप से विदेश के दौरे पर हैं. जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस से की थी. फ्रांस में पहुंचते ही राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत किया. पीएम मोदी बैस्टिल डे के मौके पर बतौर विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए. दरअसल अपनी इस राजनयिक यात्रा में पीएम मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और उनकी पत्नी ब्रिगिट मैक्रों को भारतीय कला और संस्कृति से परिचित कराते हुए उपहार के रूप में एक सितार दिया. ये सितार भारतीय मीडिया सहित अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी चर्चा का विषय बना. इस सितार की खासियत ये है कि इसे चंदन की लकड़ी से बनाया गया है.
जिसमें शिल्पकारी का भी परिचय दिया गया इसके अलावा उन्होंने फ्रांस की फर्स्ट लेडी राष्ट्रपति मैक्रों की पत्नी ब्रिगिट मैक्रों को मशहूर पोचमपल्ली साड़ी गिफ्ट की जिसमें कला और शिल्प कौशल की समृद्ध विरासत शामिल है.
पीएम मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति को जो सितार तोहफे में दिया है, वह चंदन की लकड़ी से बना हुआ है. चंदन की लकड़ी पर नक्काशी की कला एक उत्कृष्ट और प्राचीन शिल्प है. दक्षिण भारत में सदियों से यह कला विकसित है. दरअसल इस सजावटी सितार में ज्ञान और शिक्षा की देवी मां सरस्वती की छवि उकेरी गई है. साथ ही बाधाओं को दूर करने वाले भगवान गणेश की छवि भी है. इसमें जटिल नक्काशी के जरिए मोर की छवि भी उकेरी गई है.
पीएम मोदी ने फ्रांस की फर्स्ट लेडी और राष्ट्रपति मैक्रों की पत्नी ब्रिगिट मैक्रों को तेलंगाना के पोचमपल्ली शहर की मशहूर पोचमपल्ली साड़ी उपहार में दिया. ये भारत की समृद्ध वस्त्र विरासत का प्रमाण है. जटिल डिजाइनों और जीवंत रंगों के लिए प्रसिद्ध पोचमपल्ली रेशम इकत साड़ी भारत की सुंदरता, शिल्प कौशल और सांस्कृतिक विरासत को समाहित करती है, जो इसे कपड़ों की दुनिया में बेहद खास बनाती है.
वहीं, फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने पीएम मोदी को प्राउस्ट के उपन्यास, शारलेमेन शतरंज खिलाड़ियों की प्रतिकृति उपहार में दी. अधिकारियों ने कहा कि मैक्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 1916 की एक फ्रेम की हुई तस्वीर गिफ्ट की, जिसमें एक पेरिसवासी एक सिख अधिकारी को फूल भेंट कर रहा है. साथ ही 11वीं शताब्दी की शारलेमेन शतरंज खिलाड़ियों की एक प्रतिकृति भी गिफ्ट की. इसके साथ ही मैक्रों ने मोदी को मार्सेल प्राउस्ट द्वारा 1913 और 1927 के बीच प्रकाशित उपन्यासों की एक सीरीज- ए ला रीचेर्चे डु टेम्प्स पेर्डू (इन सर्च ऑफ लॉस्ट टाइम) भी उपहार में दिया. इसे 20 वीं शताब्दी की शुरुआत के फ्रांसीसी साहित्य का सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है.
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