
आठ दिन से धरने पर बैठे किसानों को गुरूवार को नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल का समर्थन मिला. ये किसान भाखड़ा नहर के माध्यम से सिंचाईं का पानी देने की मांग पर कलेक्ट्रेट पर धरना दे रहे हैं. किसानों को संबोधित करते हुए बेनीवाल ने कहा कि वे हर मांग पर किसानों के साथ हैं. पानी के लिए राजस्थान सरकार के साथ-साथ पंजाब सरकार से भी बात करेंगे. बेनीवाल ने कहा कि उन्होंने कल ही पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से इस संबंध में बात की है. उम्मीद है जल्द नतीजा निकल आएगा. क्योंकि पंजाब में भी पानी छोड़ने को लेकर किसानों ने विरोध शुरू कर दिया है, लेकिन बातचीत के आधार पर समस्या का हल निकाला जाएगा. किसान पंजाब से भाखड़ा के जरिए 1250 क्यूसेक पानी देने की मांग कर रहे हैं.
बता दें कि जिस दिन से किसानों ने धरना शुरू किया है. किसी राजनीतिक व्यक्ति को मंच नहीं दिया. लेकिन बेनीवाल के मामले में इसका उल्टा हुआ है. किसानों के विरोध-प्रदर्शन में बेनीवाल ऐसे पहले नेता हैं, जिन्हें किसानों ने बोलने के लिए मंच दिया. बेनीवाल ने इस मंच का भरपूर उपयोग भी किया. कहा कि किसान आंदोलन के वक्त मेरी पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने भाजपा से गठबंधन तोड़ दिया.
हमने किसानों के हितों से कभी समझौता नहीं किया है. चाहे श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ के किसानों को सिंचाई के पानी की मांग हो या पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग हो, आरएलपी हमेशा किसानों के साथ खड़ी है. खुद की तारीफ करते हुए बेनीवाल ने कहा, “प्रदेश में मैं अकेला नेता हूं जो आदिवासी, दलित-पिछड़े, किसानों की बात करता है.”
बेनीवाल ने कहा, “मैं किसानों की हर एक समस्या और मांग पर अड़ जाता हूं. काजल की कोठरी में रहकर साफ राजनीति कर रहा हूं. आप सब के सहयोग से मैं मोदी से लड़ाई लड़ रहा हूं. अगर मैं पाक-साफ नहीं होता तो अब तक मेरे पास सीबीआई, ईडी के छापे पड़ चुके होते.”
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किसानों का सिंचाई के पानी के लिए किया जा रहा प्रदर्शन लगातार बड़ा होता जा रहा है. बेनीवाल से पहले बुधवार को हरियाणा से संयुक्त किसान मोर्चा ने भी किसानों को समर्थन दिया है. संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारी सुरेश खोथ हरियाणा से किसानों को अपना समर्थन देने हनुमानगढ़ पहुंचे थे.
ग्रामीण किसान-मजदूर समिति के रणजीत सिंह ने किसान तक को बताया, “हनुमानगढ़ को सिंचाई के लिए पानी इंदिरा गांधी नहर से मिलता है, लेकिन इसमें 30 जून तक बंदी है. ऐसे में हमें नरमा बिजाई के लिए पानी नहीं मिल रहा. आईजीएनपी से पहले सरहिंद नहर के जरिए हमें पानी मिलता था.
हम किसान कुछ दिनों के लिए इस नहर से पानी की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन का कहना है कि इससे पंजाब की जरूरत ही पूरी होती है. पंजाब में सरकारी आदेश है कि वहां 15 जून से पहले धान की बुवाई नहीं होती. इसीलिए हमारी मांग है कि 15 जून तक सरहिंद नहर में आ रहे पानी को हमें बिजाई के लिए उपलब्ध कराया जाए.
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रणजीत जोड़ते हैं, “भाखड़ा में पेयजल के लिए 400 क्यूसेक पानी की सप्लाई की जा रही है. इसीलिए अब सभी जगह पानी का भंडारण हो चुका है. ऐसे में किसानों को बिजाई के लिए पानी की जरूरत है. इसीलिए आरडी 496 पर बनाए गए पौंड लेवल को तोड़कर कटाव पाटने की तैयारी शुरू की जाए. साथ ही किसानों को 850 क्यूसेक की जगह 1200 क्यूसेक पानी देना शुरू किया जाए. ये पानी गुरूवार यानी चार मई से देना शुरू किया जाए.”
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