राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) और आसपास के इलाकों में बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने के लिए Commission for Air Quality Management (CAQM) ने चंडीगढ़ में दो महत्वपूर्ण उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठकें आयोजित कीं. इन बैठकों में आयोग के अध्यक्ष, सदस्य, हरियाणा और पंजाब के मुख्य सचिवों सहित कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य विभागों के बीच बेहतर तालमेल बनाना और प्रदूषण नियंत्रण के लिए चल रही योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना था.
हरियाणा की समीक्षा बैठक में खासतौर पर 2025 में पराली जलाने की घटनाओं को पूरी तरह खत्म करने की तैयारी पर जोर दिया गया. इसके लिए पहले से तय एक्शन प्लान के तहत कई अहम बिंदुओं की जांच की गई:
साथ ही, दिल्ली में प्रवेश करने वाले सभी बसों (पर्यटक व वाणिज्यिक) को स्वच्छ ईंधन पर लाने और डीजल ऑटो-रिक्शा को पूरी तरह बंद करने की योजना पर भी चर्चा हुई.
पंजाब की समीक्षा में भी पराली जलाने को रोकने और ईंट भट्टों में बायोमास पेलेट्स के अनिवार्य उपयोग पर खास ध्यान दिया गया. इसके अलावा:
CAQM ने समय से पहले कदम उठाने और सभी विभागों को कानूनी निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा, ताकि सर्दियों में होने वाले प्रदूषण के स्तर में वृद्धि को रोका जा सके.
CAQM की टीम ने हरियाणा और पंजाब में कई पराली प्रबंधन केंद्रों का दौरा किया. इनमें शामिल थे:
इन दौरे से टीम को यह समझने में मदद मिली कि तकनीक का कितना सही उपयोग हो रहा है और आगे क्या सुधार संभव हैं.
CAQM ने साफ कहा कि प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण के लिए सभी विभागों के बीच बेहतर तालमेल, मजबूत क्रियान्वयन, और सख्त निगरानी जरूरी है. हरियाणा और पंजाब सरकारों की अब तक की कोशिशों की सराहना करते हुए आयोग ने सभी हितधारकों से कहा कि वे लगातार मिलकर काम करें, खासकर सर्दियों से पहले जब प्रदूषण तेजी से बढ़ता है.
यह पहल दर्शाती है कि केंद्र और राज्य सरकारें वायु प्रदूषण को गंभीरता से ले रही हैं. यदि सभी योजनाओं को सख्ती से लागू किया जाए, तो आने वाले वर्षों में NCR और उसके आसपास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता में निश्चित रूप से सुधार देखने को मिलेगा.
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