हरियाणा में प्राकृतिक खेती से तैयार फसल को खरीदने के लिए सरकार ने अनाज मंडी बनाई है. दरअसल, हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि राज्य के किसानों द्वारा प्राकृतिक तरीके से उगाई गई फसल को खरीदने के लिए प्रदेश सरकार ने गुरुग्राम में अनाज मंडी तैयार की है. अनाज मंडी में फसल की क्वालिटी चेक करने के लिए एक लैब भी बनाई गई है. इस लैब में क्वालिटी तय होने के बाद गठित की गई कमेटी द्वारा फसल की कीमत तय करके उसको खरीदा जाएगा.
कृषि मंत्री ने रविवार को उप उष्णकटिबंधीय फल केंद्र, लाडवा में आयोजित 7वें फल उत्सव मेले में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. इसमें उन्होंने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया. उन्होंने फल केंद्र परिसर में आम का पौधा भी लगाया. इसके अलावा श्याम सिंह राणा ने बागवानी क्षेत्र के प्रगतिशील 10 किसानों को 5100 रुपये, ट्रॉफी और प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित भी किया. साथ ही मेले में लगाए गए स्टॉल का निरीक्षण कर आम की किस्म के बारे में विशेषज्ञ से जानकारियां प्राप्त की.
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश में एक लाख एकड़ में प्राकृतिक खेती करके फसलों को तैयार किया जा सके. अब तक 10 हजार एकड़ में किसानों द्वारा प्राकृतिक खेती की जा रही है, ये दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में लाडवा में इंडो इजराइल तकनीक के तहत उप उष्णकटिबंधीय फल केंद्र स्थापित किया गया था. इस केंद्र की 10 हजार पौधों से शुरुआत हुई थी, अब प्रतिवर्ष 1 लाख पौधों की पौध किसानों के लिए तैयार की जा रही है. साथ ही आम, लीची, नाशपाती, आडू और चीकू सहित छह फसलों पर अनुसंधान किया जा रहा है. इसके फल केंद्र में वैज्ञानिकों द्वारा एक ऐसा आम का पेड़ तैयार किया जा रहा है, जिसके फल की मार्केट में करीब 1 लाख रुपए प्रति किलो कीमत मिल सकती है. साथ ही एक पौधे को छह कलमों से तैयार करके छह प्रकार के फल एक ही पेड़ से प्राप्त किया जा रहे हैं.
श्याम सिंह राणा ने कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ाने और परंपरागत खेती में बदलाव लाने के लिए प्रदेश में ऐसे 17 केंद्र खोले जाने हैं, जिनमें से 11 बनकर तैयार हो चुके हैं. जल्द ही अंबाला में लीची और स्ट्रॉबेरी के लिए यमुनानगर में उप केंद्र स्थापित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि किसानों के लिए गेहूं और धान की फसल के अलावा बागवानी, मछली पालन, मधुमक्खी पालन, डेयरी और अन्य फसलों को अपनाने की जरूरत है.
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार किसानों के लिए योजनाएं बना रही है. योजना बनने के बाद किसानों की तरफ से जो समस्या, दिक्कत सामने आती है, उसे उसी हिसाब से योजना में परिवर्तन करके किसानों को लाभ दिया जाता है. उन्होंने कहा कि देश में किसान महत्वपूर्ण कड़ी है, मौजूदा स्थिति को देखते हुए किसानों को अपनी परंपरागत खेती में बदलाव करते हुए कृषि के क्षेत्र को आगे बढ़ाने की जरूरत है. सरकार द्वारा किसानों की फसल का मार्केट में न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP से कम भाव मिलने पर भावांतर भरपाई योजना के तहत क्षतिपूर्ति की जाती है. किसानों के घाटे को सरकार वहन करती है.
उन्होंने कहा कि खनन से होने वाले गड्ढों का प्रयोग मछली पालने के लिए किया जाएगा. नई योजनाओं से हर वर्ग की आमदनी को बढ़ाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2027 तक हमारा देश विश्व की तीसरी बड़ी शक्ति बन जाएगा. वहीं, इस मौके पर चेयरमैन धर्मवीर मिर्जापुर सहित प्रदेशभर से आए किसान मौजूद रहे.
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