मध्य प्रदेश के दो लाख रुपये तक के लोन वाले 11 लाख 19 हजार डिफाल्टर किसानों की ब्याज की राशि माफ करने की योजना का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को सागर जिले से शुरू किया. योजना से किसानों का 2123 करोड़ रुपये का ब्याज माफ होगा. सागर के प्राथमिक सहकारी साख समिति केरबना के दो किसानों पंचमलाल और जुगरेंद्र झल्लू का आवेदन भरकर मुख्यमंत्री ने किसान ब्याज माफी योजना का शुभारंभ किया. वहीं इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दावा किया कि राज्य में 11 लाख से अधिक किसानों को लाभ होगा. उन्होंने पिछली कांग्रेस सरकार को "किसानों को ऋण पर चूक करने" के लिए दोषी ठहराया.
मुख्यमंत्री कृषक ब्याज माफी योजना-2023 या मुख्यमंत्री किसान ब्याज माफी योजना के तहत, राज्य सरकार 31 मार्च, 2023 तक मूलधन और ब्याज सहित 2 लाख रुपये तक के बकाया ऋण वाले किसानों को मुआवजा देगी.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “पिछली सरकार (2018 और 2020 के बीच शासन करने वाली कांग्रेस सरकार का संदर्भ) ने ऋण माफी के नाम पर किसानों को धोखा दिया और उन्हें डिफॉल्टर बना दिया. उन्होंने घोषणा की कि वे किसानों के लिए दस दिनों के भीतर कर्ज माफ कर देंगे, लेकिन 1.25 वर्षों में 48,000 करोड़ में से केवल 6,000 करोड़ माफ किए.”
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उन्होंने कहा कि “हमारी सरकार ऐसे प्रत्येक किसान की ब्याज राशि का भुगतान करेगी, ताकि वे डिफॉल्टर न रहें और 0 प्रतिशत ब्याज पर फसली ऋण योजना का लाभ प्राप्त कर सकें.”
द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक, वरिष्ठ पत्रकार राकेश दीक्षित ने कहा कि राज्य सरकार की इस कदम का उद्देश्य ग्रामीण सीटों के मतदाताओं को आकर्षित करना है, जो 230 विधानसभा क्षेत्रों में से लगभग 170 हैं. उन्होंने कहा, “पिछली बार, कांग्रेस ने ग्रामीण केंद्रों में बड़ा स्कोर किया था, जिससे उन्हें 114 सीटें जीतने में मदद मिली और कुछ समय के लिए सत्ता में भी रहे. हालांकि, राज्य का 1990 के दशक से चुनावी वर्षों में इस तरह की किसान-विशिष्ट छूट की घोषणा करने का इतिहास रहा है.”
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से राजनीतिक रूप से जुड़े एक किसान संगठन, भारतीय किसान संघ के राज्य सचिव दीक्षित और चंद्रकांत गौर ने राज्य की मतदान आबादी में कृषि परिवारों का प्रतिशत लगभग 69% -70% आँका. गौर के अनुसार राज्य ने केवल सहकारी बैंकों से कर्ज लेने वाले बकायेदारों को लाभ दिया है जबकि राष्ट्रीयकृत बैंकों से कर्ज लेने वाले बहुत से छूट गये हैं.
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