Poultry: मुर्गी के दाने की एमएसपी तय है, लेकिन अंडे के दाम नहीं!

Poultry: मुर्गी के दाने की एमएसपी तय है, लेकिन अंडे के दाम नहीं!

पोल्ट्री फार्मर की डिमांड है कि अगर सरकार अंडे की एमएसपी तय नहीं कर सकती है तो अंडे को मिड-डे-मील में ही शामिल कर दे. इससे होगा ये कि हर रोज के लिए अंडे की एक खपत तय हो जाएगी और पोल्ट्री बाजार में बड़ा बदलाव आ जाएगा. जैसा की तमिलनाडू में हो रहा है. 

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Poultry: मुर्गी के दाने की एमएसपी तय है, लेकिन अंडे के दाम नहीं!पोल्ट्री फार्म में रखे अंडे. फोटो क्रेडिट-किसान तक

बीते एक महीने में कई बार अंडे के दाम लागत से भी नीचे आ गए हैं. इतना ही नहीं नेशनल ऐग कोआर्डिनेशन कमेटी (एनईसीसी) अंडे के रेट कुछ और तय करती है जबकि बाजारों में अंडे की खरीद-फरोख्त दूसरे रेटों पर होती है. सावन में अंडों का बाजार कमजोर होने के चलते अंडे के दाम तय करने की चर्चा जोर पकड़ रही है. पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि मुर्गियों को खिलाए जाने वाले फीड (दाना) की सरकार ने एमएसपी तय कर दी है, लेकिन अंडे के रेट तय नहीं हैं. 

सावन के चलते अंडे के दाम नीचे आ गए हैं. बीते एक महीने से ऐसा ही चल रहा है. अभी अगस्त में भी रेट कम ही रहेंगे. एनईसीसी के रेट भी मददगार साबित नहीं हो रहे हैं. रेट के मामले में राज्य सरकार भी कुछ मदद नहीं कर रही हैं. 

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एक साल में 23 से 27 रुपये किलो हो गया मुर्गियों का फीड 

पोल्ट्री फार्मर और एक्सपर्ट मनीष शर्मा ने किसान तक को बताया कि अगर एक साल पहले की बात करें तो मुर्गियों का फीड 23 रुपये किलो तक बड़े ही आराम से मिल रहा था. बड़ी मात्रा में खरीदने पर और थोड़ा सा फायदा हो जाता है. लेकिन बीते एक साल में देखते ही देखते फीड के दाम 23 से 27 रुपये किलो पर आ गए हैं. उसमे भी बाजार के हिसाब से रेट एक-दो रुपये बढ़ ही जाते हैं. मुर्गियों के खिलाए जाने वाले बाजरा, सोयाबीन और मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य  (एमएसपी) तय कर दिया गया है.

मतलब ये कि अब इससे कम पर मुर्गियों के लिए ये तीनों अनाज नहीं मिलेंगे. उल्टे अगर बाजार में तेजी है तो ये तीनों अनाज एमएसपी के रेट से भी ऊपर ही मिलते हैं. जैसे अभी बाजारा 2350, मक्का 1962 और सोयाबीन 2500 रुपये क्वोटिंल के हिसाब से एमएसपी तय की गई है. ऊपर से मुर्गियों की दवाईयां भी महंगी हो गई हैं. 

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बिजली एग्रीकल्चर रेट पर मिले तो कारोबार को मिलेगी ऑक्सीजन

पोल्ट्री एक्सपर्ट अनिल शाक्या का कहना है कि गर्मी हो या सर्दी पोल्ट्री  फार्म में बिजली की खपत बहुत होती है. सर्दियों में ब्रूडर से हीट देने के लिए खपत बहुत होती है. वहीं गर्मियों में बड़े-बड़े कूलर चलाए जाते हैं. क्योंकि मुर्गियों के लिए 23 से 24 डिग्री तापमान बनाए रखना होता है. अगर राज्य सरकार पोल्ट्री को बिजली देने में एग्रीकल्चर वाले नियम अपनाए तो बड़ी राहत मिलेगी. 

 

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