अमूल और मदर डेयरी की तरफ से दूध के दामों में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है. देश की दोनों प्रमुख दूध सप्लाई करने वाली कंपनियां चारे की कमी और महंगे हुए कच्चे दूध को इस फैसले का कारण बता रही हैं. वहीं केंद्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने देश में दूध की कमी की तरफ इशारा किया है. असल में देश की दूध की कमी से निपटने और रेट पर कंट्रोल करने के लिए पशुपालन मंत्रालय ने मंगलवार को एक बैठक बुलाई थी. इस बैठक में ये बात सामने आई है कि देश में 10 फीसद दूध की डिमांड बढ़ी है, जबकि दूध उत्पादन में 2.59 फीसद की कमी आई है.
हालांकि सरकार का कहना है कि हालात पर काबू पा लिया जाएगा. साथ ही सरकार ने डेयरियों से साफ कहा है कि हालात का असर ग्राहक पर कम से कम पड़े इसका ख्याल रखा जाए.
पशुपालन मंत्रालय में मंगलवार को डेयरी कंपनियों, किसान उत्पादक संगठनों और दुग्ध संधों की समीक्षा बैठक बुलाई थी. बैठक में सरकार ने साफ कर दिया है कि दूध के रेट पर कंट्रोल पाने के लिए लगातार निगरानी की जा रही है. दूसरे जरूरी कदम भी उठाए जा रहे हैं. मंत्रालय के सचिव राजेश कुमार सिंह के मुताबिक दो-तीन महीने में दूध से जुड़े हालातों पर काबू पा लिया जाएगा.
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सचिव राजेश कुमार सिंह के अनुसार देश में दूध की कोई कमी नहीं है. थोड़ा बहुत कोरोना का असर डेयरी सेक्टर पर पड़ा था. जल्द ही दूध की सप्लाई बढ़ा दी जाएगी. मौजूदा हालात से कुछ दिन में राहत मिल जाएगी. चारे की कमी से निपटने के लिए बड़े कदम उठाए जा रहे हैं. किसान चारे की खेती की ओर रुख करें इसके लिए 100 किसान एफपीओ को मंजूरी दी गई है.
देश की दो बड़ी और मशहूर डेयरी के दूध के दाम 65 के आंकड़े को पार कर चुके हैं. इसी साल फरवरी की शुरुआत में ही दोनों कंपनियों ने फुल क्रीम दूध के दाम में इजाफा किया था. इसी के बाद से एक लीटर दूध के दाम 66 रुपये पर आ गए हैं. टोंड और काऊ मिल्क के दाम भी बढ़े हैं. साल 2022 में जो दूध 56 और 58 रुपये लीटर तक बिक रहा था वो अब 65 के पार जा चुका है.
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एपीडा के आंकड़ें बताते हैं कि दो साल के मुकाबले 2021-22 में डेयरी प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट कई गुना बढ़ गया है. इस मामले में भारत से बड़ी मात्रा में डेयरी प्रोडक्ट खरीदने वालों में 10 प्रमुख देश हैं. यह वो देश हैं जिन्होंने इस साल कई गुना ज्यादा दूध, घी और मक्खन के साथ दूसरे प्रोडक्ट खरीदे हैं. इसमे पहले, दूसरे और तीसरे नंबर पर बांग्लादेश 684 करोड़, यूएई 438 करोड़ और बहरीन 214 करोड़ रुपये हैं. जबकि साल 2019-20 में बांग्लागदेश ने 8 करोड़ के डेयरी प्रोडक्ट , यूएई ने 264 करोड़ और बहरीन ने 25 करोड़ रुपये के डेयरी प्रोडक्ट भारत से खरीदे थे.
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