बाजार में 40 से 45 रुपये क‍िलो बि‍क रही मुर्गी, जानें क्या है वजह

बाजार में 40 से 45 रुपये क‍िलो बि‍क रही मुर्गी, जानें क्या है वजह

सस्ती लेयर बर्ड मुर्गी को महंगे ब्रॉयलर चिकन में मिलाकर बेचा जाता है. इसलिए आम ग्राहकों को 20 से 25 रुपये किलो बिकने वाली सस्ती मुर्गी खरीदने का मौका नहीं मिल पाता है. ब्रॉयलर का चिकन सॉफ्ट और लेयर बर्ड का थोड़ा सा हार्ड होता है. खाने में बस इतना सा ही फर्क है.  

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 बाजार में 40 से 45 रुपये क‍िलो बि‍क रही मुर्गी, जानें क्या है वजहलेयर बर्ड का प्रतीकात्मक फोटो.

बाजार में मुर्गी के दाम चौंकना लाजि‍मी है. अगर दिल्ली-एनसीआर के बाजार की बात करें तो यहां कई सब्ज‍ियों के दाम 25 से 30 रुपये किलो तक बिक रहा है. जबकि मुर्गी का दाम भी सब्ज‍ियों के पास ही चल रहा है. मुर्गी के यह चौंकाने वाले रेट सिर्फ दिल्ली-एनसीआर में ही नहीं दूसरे शहरों में भी हैं. लेकिन दुकानदार चालाकी करते हुए उससे सस्ता बेचने के बजाए महंगे ब्रॉयलर चिकन में मिक्स कर बेच रहे हैं. लेकिन मुर्गी के बारे में थोड़ी सी जानकारी रखकर आप दुकानदार से सस्ती खरीद सकते हैं. 

30 दिन में ब्रॉयलर चूजा 900 से 1150 ग्राम का हो जाता है, जो तंदूरी चिकन में इस्तेमाल होता है. ब्रॉयलर चिकन के रेट उसके वजन के हिसाब से तय होते हैं. ब्रॉयलर चिकन जितना भारी होता है उसके रेट उतने ही कम होते हैं. अकेले गाजीपुर, दिल्ली मंडी से रोजाना 5 लाख ब्रॉयलर मुर्गों की सप्लाई होती है.

20 से 45 रुपये किलो तक बिक रही है मुर्गी 

अगर दिल्ली से सटे हरियाणा के पानीपत में 22 रुपये किलो, करनाल में 20, बरवाला में 20 रुपये किलो तक मुर्गी बिक रही है. जबकि मध्य प्रदेश के जबलपुर में 45 और इंदौर में 42 रुपये किलो बिक रही है. यूपी के झांसी में 45 रुपये बिक रही है. इसी तरह से दूसरे शहरों में भी मुर्गी 20 से 45 रुपये किलो तक बिक रही है. इस मुर्गी का वजन भी पौने दो किलो तक है. 

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बाजार में इसलिए सस्ती बिक रही है मुर्गी  

यूपी पोल्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष नवाब अली ने किसान तक को बताया कि बाजार में 20 से 45 रुपये किलो तक बिक रही मुर्गी लेयर बर्ड है. यह अंडा देने वाली मुर्गी होती है. जब यह मुर्गी अंडा देना कम कर देती है तो पोल्ट्री फार्म वाले इसे बाजार में सस्तें दामों पर बेच देते हैं. क्योंकि एक वक्त ऐसा आता है जब इस मुर्गी के रखरखाव और खानपान पर अंडे की कीमत से ज्यादा खर्चा आता है. जब भी ऐसा होता है तो इसे बेच दिया जाता है. इस मुर्गी का पालन इस तरह से किया जाता है कि खासतौर पर फरवरी-मार्च में यह अंडा देने के अपने दो सीजन पूरे कर चुकी होती है. इससे ज्यादा यह अंडा देती भी नहीं है.  

आम ग्राहकों को इसलिए बाजार में नहीं मिलती है सस्ती मुर्गी   

पोल्ट्री एक्सपर्ट अनिल शाक्या का कहना है कि बाजार में सस्ती मुर्गी खासतौर पर फरवरी और मार्च में आती है. क्योंकि इस दौरान यह अंडा देना कम कर देती है और इसे बाजार में बेच दिया जाता है. लेकिन, चिकन बेचने वालों की चालाकी के चलते इसका फायदा आम ग्राहकों को नहीं मिल पाता है. दुकानदार इस सस्ती मुर्गी को चिकन के रूप में खाए जाने वाले महंगे ब्रॉयलर चिकन में मिलाकर बेच देते हैं. मौजूदा वक्त में ब्रॉयलर चिकन का रेट 180 रुपये किलो से लेकर 220 रुपये तक चल रहा है. 

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ऐसे कर सकते हैं ब्रॉयलर चिकन और लेयर बर्ड में पहचान 

  • लेयर बर्ड पतली-दुबली, पौने दो किलो वजन तक की होती है.
  • ब्रॉयलर मोटा और तीन किलो वजन तक का होता है. 
  • लेयर बर्ड के शरीर पर चर्बी नहीं होती है.
  • मोटा ताजी होने के चलते ब्रॉयलर के शरीर पर चर्बी होती है. 
  • लेयर बर्ड के शरीर पर घने पंख होते हैं.
  • लेयर के पंजे यानि पैर पतले होते हैं.
  • जबकि ब्रॉयलर के पंजे मोटे होते हैं. 
  • जबकि ब्रॉयलर के शरीर पर पंख बहुत ही कम होते हैं. 
  • लेयर के सिर पर लाल गहरे सुर्ख रंग की बड़ी सी झुकी हुई कलंगी होती है.
  • ब्रॉयलर में बहुत छोटी कलंगी होती है. रंग भी थोड़ा दबा हुआ होता है.
  • लेयर काफी फुर्तीली होती है. इसे खुला छोड़ दिया जाए तो पकड़ना मुश्किल होता है.
  • जबकि वजनी और मोटा होने के चलते ब्रॉयलर दौड़ नहीं सकता है. 
  • कुक करने के दौरान लेयर का मीट अच्छी तरह से नहीं गलता है. 
  • वहीं ब्रॉयलर का मीट आसानी के साथ पक जाता है.  
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