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Kisan Tak Aam Sabha: यूपी के बस्ती जिले में 12 मासी आम की हो रही पैदावार, कई देशों में निर्यात भी शुरू

Kisan Tak Aam Sabha: यूपी के बस्ती जिले में 12 मासी आम की हो रही पैदावार, कई देशों में निर्यात भी शुरू

पिछले 10 सालों में आम के निर्यात में बढ़ोतरी से किसानों को काफी फायदा हो रहा है. डॉ. सिंह ने पुराने बगीचों के बारे में कहा कि अगर इनकी ठीक से देखभाल की जाए और इन्हें फिर से उपजाऊ बनाया जा सकता है और उत्पादन भी बढ़ाया जा सकता है. जिससे आने वाले समय में किसानों को फायदा होगा.

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आम सभा आम सभा

सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर सबट्रॉपिकल हॉर्टीकल्चर (CISH), रहमान खेड़ा, लखनऊ में आम सभा का आगाज हो चुका है. इस सभा में भारी संख्या में लोग जुटते दिखाई दे रही हैं. इस दौरान कृषि वैज्ञानिक और किसानों के साथ आम की खेती से जुड़े हर विषय पर बात भी शुरू हो चुकी है. किसान सभा के दूसरे सेसन को सफल बनाने के लिए उपकार के महानिदेशक डॉ. संजय सिंह, उद्यान विभाग उत्तर प्रदेश के निदेशक डॉ विजय बहादुर द्विवेदी और आईसीएआर के हाटिकल्टर के एडीजी डॉ बी.बी पटेल इसमें शामिल है. सभा के दौरान कई विशेष बातों पर चर्चा की गयी. किन बातों पर हुई चर्चा आइए जानते हैं.

पुराने बगीचों को भी उपजाऊ बनाया जा सकता है - संजय सिंह

किसान तक आम सभा के पहले सेसन में पहुंचे उपकार के महानिदेशक डॉ. संजय सिंह ने कहा देसी आम का स्वाद अलग होता है और हाईब्रिड आम का स्वाद बिल्कुल अलग होता है. पिछले 10 सालों में आम के निर्यात में बढ़ोतरी से किसानों को काफी फायदा हो रहा है. डॉ. सिंह ने पुराने बगीचों के बारे में कहा कि अगर इनकी ठीक से देखभाल की जाए और इन्हें फिर से उपजाऊ बनाया जा सकता है और उत्पादन भी बढ़ाया जा सकता है. जिससे आने वाले समय में किसानों को फायदा होगा. इसके लिए कृषि विभाग ने एक रेवोलुशन भी शुरू की है. जिसके तहत किसान ग्रूमिंग कर सकते हैं और इसके लिए उन्हें किसी वन विभाग से इजाजत नहीं लेनी होगी.

आम की देशी किस्मों को बढ़ावा देने की जरूरत है

डॉ. संजय सिंह ने कहा कि अगर हमें आम का उत्पादन बढ़ाना है तो इसके लिए जागरूकता फैलानी होगी. इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि अगर आईसीएआर चाहे तो जागरूकता फैला सकता है. वहीं वन डिस्ट्रिक वन प्रॉडक्ट के अंतर्गत कई आम के किस्मों को GI टैग भी दिया गया है. जिसमें लगड़ा, दसहरी आदि शामिल हैं. जीआई टैग मिलने से किसानों को भी काफी फायदा होगा. ऐसे में संजय सिंह ने कहा कि अब जितने ज्यादा किसान आम की खेती से जुड़ेंगे, उन्हें उतना ही फायदा होगा. इससे जुड़ने के लिए किसानों को रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरना होगा, तभी वे इसका लाभ उठा सकेंगे. उन्होंने देसी आमों को भी बढ़ावा देने की बात कही ताकि स्थानीय आमों को भी बाजार में अच्छे दाम मिल सकें.

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इन देशों में किया जा रहा आम का निर्यात

किसान तक आम सभा के पहले  सेसन में उद्यान विभाग उत्तर प्रदेश के निदेशक विजय बहादुर द्विवेदी ने कहा- आम एक ऐसा फल है जिसे हर वर्ग के लोग चाव से खाते हैं. 12 मासी आम बस्ती जिले में उगाया जा रहा है. सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर सबट्रॉपिकल हॉर्टीकल्चर (CISH) रहमान खेड़ा ने कई किस्में विकसित की हैं, जो दशहरी और चौसा से बेहतर साबित हो सकती है. प्रदेश के आम उत्पादकों को समस्या न हो इसपर खास ध्यान दिया जा रहा है. दुबई, नेपाल ओमान समेत कई देशों में आम का निर्यात किया जा रहा है. एक आम 10 रुपये में बिकता है उसे विदेश में 250 रुपये में बेचा जा रहा है. बाग घने हो रहे हैं, उनमें कटाई छटाई जरूरी है. सबको मिलकर प्रयास करना होगा कि आम उत्पादक की खुशहाली बनी रहे. दशहरी, लंगड़ा चौसा का आम उत्तर प्रदेश से है. किसानों के हित को देखते हुए उन्हें प्रोत्साहित करना होगा. उत्पादन एरिया बढ़ेगा साथ ही भारतीय आम की मांग विदेशों में है.

पुराने बाग की कांट छाट पर पुलिस करती है परेशान

सेशन में शामिल आम उत्पादक विजय सिंह ने आमों की कंटाई-छंटाई के शासनादेश पर कहा कि किसान आम बाग की कटाई छंटाई करते हैं तो पुलिस परेशान करती है. 

जवाब देते हुए ड़ॉ विजय बहादुर द्विवेदी ने कहा- पुराने बाग की कांट छाट करने पर लोकल पुलिस परेशान करती है, इन शिकायतों से निपटने के लिए सरकार ने शासनादेश जारी किया है. पुराने बागों की कंटाई-छंटाई की व्यवस्था की गई है. ताकि, आम उत्पादन बढ़ सके. किसी भी परेशानी से बचाने के लिए जिला उद्यान अधिकारी के नेतृत्व में टीम बनाई जाएगी, जिससे पुलिस या कोई अराजक तत्व किसानों को परेशान न कर सकें. उद्यान विभाग के अधिकारी आम उत्पादकों की पूरी मदद करेंगे. कमेटी टेक्निकल जानकारी देगी. किसानों को बाग की साफ सफाई, कटाई का मॉडल बताया जाएगा. एक्सपर्ट विजय बहादुर द्विवेदी ने कहा- आम की ग्रूमिंग का काम मलिहाबाद में तेजी से चल रहा है. अन्य क्षेत्र के आम उत्पादकों को आवेदन करना होगा. सरकारी विभाग से उन्हें मदद उपलब्ध कराई जाएगी.

हर जिले में होगी एक नर्सरी

आइसीएआर के एडीजी डॉ बीबी पटेल ने कहा- भारत सरकार ने बजट में कहा कि फल प्रॉसेसिंग प्लांट निर्माण किया जाएगा. इसकी शुरूआत अंगूर प्रॉसेसिंग प्लांट के साथ की जा रही है. मुक्तेश्वर और लखनऊ में सेंटर बन रहा है जो आम की खेती के ऊपर किसानों की मदद करेगा. हर जिले में एक नर्सरी खोली जाएगी.

हापुस आम से आगे निकलेगा यूपी का आम

हॉर्टीकल्चर विभाग यूपी के डायरेक्टर विजय बहादुर द्विवेदी ने कहा- हापुस आम से आगे निकलेगा यूपी का आम. यूपी सरकार 150 हापुस नर्सरी लगाई जा रही हैं. यूपी के आम उत्पादकों को यह ध्यान रखना होगा कि आम की खेती उद्योग बन रही है. इस क्षेत्र में कौन सी वैराइटी और बीमारियों पर ध्यान देना होगा. किसानों को समय पर सिंचाई, मार्केटिंग पर ध्यान देना होगा. हमारे विभाग के अधिकारी आम, अमरूद, लीची के खेती करने वाले किसानों की मदद करते हैं.