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सर्वे में बड़ा दावा- इस साल 3 फीसदी ज्यादा होगी गेहूं की पैदावार, जानें कितना टन होगा उत्पादन

सर्वे में बड़ा दावा- इस साल 3 फीसदी ज्यादा होगी गेहूं की पैदावार, जानें कितना टन होगा उत्पादन

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के नवीनतम आकलन के अनुसार, अधिकांश उत्पादक राज्यों में खड़ी गेहूं की फसल अधिक गर्मी की लहर के प्रभाव से बचने की संभावना है. कटाई अगले 15 दिनों के भीतर शुरू होने वाली है और फसल दाना भरने और पकने की अवस्था में है. यह वह अवस्था है जब दिन का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर जाता है, लेकिन इसका खड़ी फसल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

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गेहूं उत्पादन में बंपर इजाफा की उम्मीद. (सांकेतिक फोटो) गेहूं उत्पादन में बंपर इजाफा की उम्मीद. (सांकेतिक फोटो)

रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने चालू मार्केटिंग वर्ष 2024-25 के लिए गेहूं उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद जताई है. खास बात यह है कि उसने अपने सर्वे में गेहूं उत्पादन को लेकर यह उम्मीद जताई है. उसने कहा है कि 1 अप्रैल से शुरू हुए फसल विपणन वर्ष के लिए भारत के गेहूं उत्पादन में 3 प्रतिशत की वृद्धि होगी, जो पिछले की वर्ष के 102.9 मिलियन टन की तुलना में कुल 105.79 मिलियन टन होने का अनुमान है. आटा मिलों का अनुमान केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए अनुमानों से अलग है. हालांकि, सरकार का मानना है कि 2024-25 मार्केटिंग वर्ष में कुल गेहूं उत्पादन लगभग 112.04 मिलियन टन हो सकता है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 1.39 प्रतिशत अधिक है.

बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, यह सर्वे एग्रीवॉच द्वारा देश के नौ राज्यों के 84 जिलों में किया गया था. इसमें कहा गया है कि पिछले वर्ष की तुलना में फसल का कुल क्षेत्रफल 1 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि औसत पैदावार लगभग 2 प्रतिशत बढ़ी है, जिससे तुलनात्मक रूप से बेहतर फसल हुई है. राज्य-वार सर्वेक्षण में पाया गया कि गेहूं के प्रमुख उत्पादक राज्यों में से महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात में इस साल फसल का रकबा कम रहा. लेकिन हरियाणा और उत्तर प्रदेश में यह बढ़ गया है.

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अभी तक इतनी हुई गेहूं की खरीद

इस बीच, सूत्रों ने कहा कि 2024-25 फसल मार्केटिंग सीजन के लिए सरकारी गेहूं खरीद अभियान जोरदार तरीके से शुरू हो गया है और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) नए सीजन के पहले कुछ दिनों में लगभग 1 मिलियन टन गेहूं खरीदने में कामयाब रहा है. पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह लगभग 0.7 मिलियन टन था. भारत ने लगभग 31-32 मिलियन टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा है, जो पिछले साल की लगभग 26 मिलियन टन की वास्तविक खरीद से काफी अधिक होगा.

साल के निचले स्तर पर पहुंचा गेहूं का स्टॉक

अपने भंडार को बढ़ावा देने के लिए अच्छी खरीद अनिवार्य हो गई है, जो पिछले कुछ वर्षों में खराब खरीद के कारण कई वर्षों के निचले स्तर पर पहुंच गई थी, क्योंकि किसानों ने सरकार के बजाय उच्च कीमतों पर निजी खरीदारों को अपनी उपज बेचना पसंद किया था. 1 मार्च 2024 तक, कम खरीद के कारण केंद्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक सात साल के निचले स्तर 9.7 मिलियन टन पर दर्ज किया गया था. पिछले साल, 1 मार्च 2023 को स्टॉक लगभग 11.67 मिलियन टन था. बफर और रणनीतिक रिजर्व मानदंडों के अनुसार, प्रत्येक वर्ष 1 अप्रैल तक गेहूं का स्टॉक लगभग 7.5 मिलियन टन होना चाहिए.

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सरकार ने की खास अपील

पिछली बार गेहूं का स्टॉक 1 मार्च के स्तर से नीचे 2017 में था. तब यह गिरकर 9.42 मिलियन टन हो गया था. अपने भंडार को फिर से भरने के लिए, केंद्र सरकार ने सभी निजी खिलाड़ियों को जून तक मंडियों से खरीद से परहेज करने के लिए अनौपचारिक सलाह जारी की है और जमाखोरी को रोकने के लिए सभी व्यापारियों को हर हफ्ते सरकार को अपने गेहूं के स्टॉक की घोषणा करने का निर्देश दिया है.