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कृषि को हाईटेक बनाने के लिए नवीनतम तकनीक को बढ़ावा दे रही सरकार: कैलाश चौधरी

कृषि को हाईटेक बनाने के लिए नवीनतम तकनीक को बढ़ावा दे रही सरकार: कैलाश चौधरी

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के तीन दिवसीय हरियाणा कृषि विकास मेले में दूसरे दिन बतौर मुख्यातिथि के रूप में मौजूद राज्य कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि कृषि को हाईटेक बनाने के लिए नवीनतम तकनीक को सरकार बढ़ावा दे रही है.

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मेले में मुख्यातिथि कैलाश चौधरी किसानों को संबोधित करते हुए मेले में मुख्यातिथि कैलाश चौधरी किसानों को संबोधित करते हुए

वर्तमान समय में किसानों को हाईटेक होने की जरूरत है. इसके लिए सरकार ने 4 पिलरों पर फोकस कर उन पर नई-नई योजनाएं तैयार कर सब्सिडी के साथ लागू करने पर जोर दे रही है. पहला पिलर उन्नत बीज, दूसरा पिलर लागत कम करना, तीसरा पिलर उत्पाद-भंडारण क्षमता में वृद्धि व चौथा पिलर उत्पाद को उचित रेट पर मार्केट में बेचना है. ये सभी पिलर जैसे ही मजबूत होंगे, तभी किसान की आय भी बढ़ेगी और वह समृद्ध भी होगा. तभी हरियाणा राज्य देश में मॉडल के रूप में उभरेगा. ये विचार राज्य कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, भारत सरकार, कैलाश चौधरी ने कहे, जोकि चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के तीन दिवसीय हरियाणा कृषि विकास मेले में दूसरे दिन बतौर मुख्यातिथि के रूप में मौजूद थे. सम्मानीय अतिथि के रूप में हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल व प्रदेश के ऊर्जा मंत्री चौधरी रणजीत सिंह भी मौजूद थे. जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता एचएयू के कुलपति प्रो. बी.आर काम्बोज ने की.

प्राकृतिक खेती व जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है सरकार 

मुख्यातिथि कैलाश चौधरी ने कहा कि भारत सरकार ने कृषि का बजट 2013 के मुकाबले 2022 में 5 गुणा बढ़ा दिया है. सरकार खेती में रसायनिक कीटनाशक, खरपतरवार नाशक दवाईयों का अंधाधुंध प्रयोग को रोकने के लिए प्राकृतिक खेती व जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है. जिससे कि एक ओर फसल उत्पादन बढ़ेगा वहीं दूसरी ओर मृदा की उर्वरा शक्ति भी बढ़ेगी. खेती को लाभान्वित बनाने के लिए किसानों के समूह बनाकर उन्हें एफपीओ के माध्यम से सरकारी योजनाओं का लाभ लेते हुए नवीनतम तकनीक से जोडऩे का प्रयास कर रही है. इस कदम पर सरकार ने देश में 10 हजार एफपीओ बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है.

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कृषि को हाईटेक बनाने के लिए नवीनतम तकनीक को बढ़ावा

कैलाश चौधरी ने बताया कि 2014 से लेकर अभी तक देश में विभिन्न फसलों की 6500 उन्नत किस्में विकसित की गई है, जिनकी मदद से खाद्यान्न की पैदावार 260 मिलियन टन से बढक़र 325 मिलियन टन हो गई है. कृषि को हाईटेक बनाने के लिए सरकार ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीक को बढ़ावा दे रही है.

सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न स्कीमों की जानकारी

कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि सरकार की तरफ से बाजरा, ज्वार व अन्य मिलेट पर भी अधिक ध्यान दिया जा रहा है ताकि इनसे बने पौष्टिक आहार के सेवन से स्वास्थ्य लाभ मिल सकें. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में तकनीकी के इस्तेमाल को देखते हुए विभाग ऐसा प्लेटफार्म देने का प्रयास करेगा, जिससे किसान सीधे तौर पर वैज्ञानिको से जुडक़र कृषि में आने वाली समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकेगा. उन्होंने किसानों के हित में सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न स्कीमों की जानकारी दी.

मोटे अनाजों को दिया जा रहा है बढ़ावा 

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर काम्बोज ने अध्यक्षीय भाषण में बताया कि एचएयू प्रदेश के 6 लाख किसानों से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है व उनको दैनिक आधार पर मौसम की स्टीक जानकारी उपलब्ध करवा रहा है. विश्वविद्यालय के 7 कृषि विज्ञान केंद्रों पर स्थित सामूदायिक रेडियो स्टेशन के माध्यम से किसानों तक खेतीबाड़ी की तकनीकी जानकारी पहुंचा रहा है. उन्होंने किसानों को नवाचार अपनाते हुए एकीकृत कृषि प्रणाली जिसमें कृषि के साथ-साथ अन्य उद्यम जैसे मशरूम, मधुमक्खी, मशरूम, बागवानी, सब्जी उत्पादन, नकदी फसल, चारा फसल, पशुपालन, मुर्गी-पालन व मत्सय पालन को शामिल करके कृषि में जोखिम को कम करने व लाभदायक व्यवसाय बनाने की सलाह दी. कुलपति ने बताया कि 2023 को मोटे अनाजों के वर्ष के तौर पर मनाया जा रहा है. इस कड़ी में विश्वविद्यालय ने हाल ही में बाजरे की ऐसी किस्में विकसित की है, जोकि लौह तत्व व जिंक से भरपूर है व आमजन को विभिन्न बीमारियों व कुपोषण से निजात दिलाएगी. इसके अलावा मोटे अनाजों से विभिन्न मूल्य-संवर्धित उत्पाद बनाने की तकनीक विकसित करने का काम हो रहा है.

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बिजली उपलब्ध करवाने के लिए सरकार चला रही है योजनाएं

ऊर्जा मंत्री चौधरी रणजीत सिंह चौटाला ने बताया कि अमेरिका, जापान, कनाड़ा जैसे विकसित देशों में 5 से 10 प्रतिशत जनसंख्या ही कृषि पर निर्भर है, जबकि भारत में 60 से 70 प्रतिशत जनसंख्या खेती पर निर्भर है. सरकार 6 हजार करोड़ की बिजली सब्सिडी किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन पर दे रही है. सरकार अब किसानों को 24 घंटे बिजली उपलब्ध करवाने के लिए योजनाएं चला रही है.

लक्की ड्रा द्वारा 3 किसानों को इनाम

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों व कृषि विभागों द्वारा लगाई गई स्टालों का मुख्य अतिथि सहित अन्य अधिकारियों ने अवलोकन भी किया. अंत में लक्की ड्रा द्वारा 3 किसानों को इनाम दिए गए, जिनमें प्रथम इनाम रोहतक के गांव जसिया निवासी संदीप, द्वितीय पुरस्कार यमुनानगर के गांव जठलाना निवासी मुनीश कुमार व तृतीय पुरस्कार हिसार के गांव बगला निवासी भावद्धीन को मिला. इस दौरान कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में नृत्य व गीत गाकर किसानों का मनोरंजन किया.

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मिलेट एक सुपर फूड और प्राकृतिक खेती विषय आयोजित हुआ सेमिनार 

मेले में दूसरे दिन मिलेट एक सुपर फूड और प्राकृतिक खेती विषय पर 3 सत्र आयोजित किए, जिसमें डॉ. आशा क्वात्रा, डॉ. ज्योति सिहाग व डॉ. किरण सिंह ने बाजरे का महत्व पर अनेक जानकारियां दी. डॉ. बलजीत सहारण, डॉ. हरिओम, डॉ. अनिल यादव व डॉ. मुकेश कुमार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने से होने वाले फायदें किसानों को बताए. साथ ही डॉ. गणेश, डॉ. विजया रानी, मिस कुमारी निशा ने ड्रोन तकनीक के बारे में जानकारियां दी.
 

मंच पर मौजूद मुख्यातिथि सहित अन्य मंत्रीगण व अधिकारी
मंच पर मौजूद मुख्यातिथि सहित अन्य मंत्रीगण व अधिकारी

कार्यक्रम में रजिस्ट्रार एसके मेहता, अनुसंधान निदेशक डॉ. जीतराम शर्मा, कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एसके पाहुजा सहित विभिन्न विभागों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष सहित वैज्ञानिक शामिल हुए. इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, हरियाणा के महानिदेशक डॉ. नरहरि बांगड़ ने सभी का स्वागत किया, जबकि विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. बलवान सिंह मंडल ने धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया.

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