गर्मियों का मौसम शुरू होने वाला है. इसी के साथ शुरू होने वाला है फलों के राजा आम का मौसम. आम एक ऐसा फल है जिसे सभी लोग खाना पसंद करते हैं. गर्मियों के दिनों में बाजार में यही फल ज्यादातर दिखाई देता है. हालांकि, आम पकने का मौसम शुरू होने से पहले भी बाजार में आम बिकने लगते हैं और आप इन आम को दुकान से खरीद कर लाते तो हैं पर इनमे वो स्वाद नहीं होता है जो आप पसंद करते हैं. ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि यह समय से पहले जो आम बाजार में बेचे जाते हैं वो केमिकल से पकाए जाते हैं. इस बार आम के चाहने वालों को इससे राहत मिल सकती है और उन्हें स्वादिष्ट पके हुए आम खाने के लिए मिल सकते हैं.
दरअसल, खाद्य नियामक एफएसएसएआई ने इसे लेकर एक नया आदेश जारी किया है. जिसके तहत अब व्यापारी मसाला या किसी प्रकार के केमिकल डालकर आम को नहीं पका सकते हैं. खाद्य नियामक बोर्ड के नए फैसले के मुताबिक, कैल्शियम कार्बाइड के इस्तेमाल पर अब प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसका इस्तेमाल आम को पकाने के लिए किया जाता है. फुड रेगुलेटरी संस्था ने सुझाव दिया है कि कैल्शियम कार्बाइड के बदले व्यापारी आम को पकाने के लिए बंद कंटेनर या पराली का इस्तेमाल करें.
कैल्शियम कार्बाइड को बैन करने के के पीछे का तर्क यह है कि खाद्य नियामक यह मानता है कि कैल्शियम कार्बाइड से आम पकाने पर कई तरह के हानिकारक गैस निकलते हैं. इसका प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है. इसके कारण कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं. एफएसएसएआई ने इससे संबंधित आदेश जारी करते हुए हुए खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को खास निर्देश दिए हैं जिसके तहत इसके इस्तेमाल और बिक्री पर रोक लगाने के लिए कहा गया है. इसके अलावा इस्तेमाल करते पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिये गए हैं.
गौरतलब है कि केला, आम और पपीता को पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल किया जाता है. इससे एसीटिलीन गैस निकलती है. जिससे फल जल्दी पक जाते हैं. लेकिन इसमें आर्सेनिक और फॉस्फोरस के कण भी होते हैं जो स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं, इससे कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं. इसलिए इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया है. साथ ही उपभोक्ताओ के लिए दिशानिर्देश में कहा गया है कि खाने से पहले फलों को अच्छी तरह से धोना चाहिए और कोशिश करनी चाहिए कि इन्हें ऐसी जगह से खरीदा जाए जहां पर इन्हें केमिकल से नहीं पकाया गया हो.
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