देश में किसानों की आय बढ़ाने एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के मकसद से मछली पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्यों में “प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना” चलाई जा रही है. वहीं यूपी सरकार ने दैवीय आपदा में मत्स्य पालकों को आर्थिक मदद देने का फैसला किया है. दरअसल, मत्स्य पालन विभाग के मंत्री डॉ संजय निषाद के कार्यालय ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि अब दैवीय आपदा की स्थिति में मछुआरों को उत्तर प्रदेश मत्स्य पालन कल्याण बोर्ड से आर्थिक सहायता दी जाएगी. इसके लिए मत्स्य पालन विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ रजनीश दुबे ने इस बोर्ड का गठन कर इसे क्रियान्वित करने का आदेश जारी कर दिया है.
आदेश के अनुसार इस बोर्ड के क्रियान्वित होने के साथ ही दैवीय आपदा की स्थिति में मछुआरों को इस कोष से आर्थिक सहायता दी जाएगी. इसके तहत दैवीय आपदा में किसी मछुआरे की मौत होने पर पीड़ित परिवार को मुआवजे के तौर पर अधिकतम 4 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी. इसमें बीमारी एवं अन्य हादसों में पीड़ित हुए मछुआरों को भी वित्तीय मदद देने के प्रावधान शामिल हैं.
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इससे पहले झांसी में डाॅ. निषाद ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मत्स्य पालकों की सभी मांगें जल्द पूरी करने की प्रक्रिया तेजी से पूरी की जा रही है. जिससे समाज की मुख्यधारा में सदियों से पिछड़े रहे मछुआरा समुदाय के उत्थान का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके. डॉ निषाद ने कहा कि अंग्रेजों, मुगलों और पिछली सरकारों से सताए हुए मछुआरा समुदाय के लिए योगी सरकार तेजी से काम कर रही है.
डॉ. निषाद ने मत्स्य पालकों की बदहाली के लिए पिछली सरकारों की उपेक्षा को दोषी ठहराया. उन्होंने आंकड़ों के हवाले से कहा कि 2017 से पहले तक की सरकारों ने 67 साल में मत्स्य पालन विभाग को मात्र 3 हजार करोड दिया, वहीं केंद्र की मोदी सरकार ने 2014 में 20 हजार करोड़ रुपये और इस बार 6 हजार करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया है. उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने भी 257 करोड़ रुपये मछुआरा समुदाय के उत्थान के लिए आवंटित किए हैं.
डाॅ. निषाद ने कहा कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार ने मत्स्य विभाग को प्रभावी बनाने के लिए इसे अलग मंत्री की अगुवाई वाला पृथक विभाग बनाया. इससे निषाद समाज के लोगों का उत्थान करने की गति में तेजी आई है. इसका पहला परिणाम यूपी मत्स्य कल्याण बोर्ड की स्थापना के रूप में सामने आया.
उन्होंने कहा कि इस बोर्ड के तत्वावधान में मछुआरा समुदाय के गांवों में पुस्तकालय एवं सामुदायिक हॉल जैसी सुविधाएं मिलना प्रारंभ हुईं. साथ ही जिन मछुआरों के मकान, नदियों की वजह से उजड़ गए हैं, उनको प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास सुविधा देने एवं बीमारियों अथवा सड़क हादसों आदि से पीड़ित मछुआरों को कल्याण बोर्ड के माध्यम से वित्तीय मदद देने का प्रावधान लागू हो सका है. उन्होंने कहा कि जल्द ही मछुआरा समुदाय का कौशल बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग सेंटर खोले जाएंगे. जिससे उनको प्रशिक्षित कर किया जा सके और वे विभाग से अनुदान पाकर अपना कारोबार कर सकें.
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