Haryana News: दादुपुर-नलवी नहर मामले पर HC के फैसले के बाद किसानों ने मांगा मुआवजा, जानें क्या है पूरा मुद्दा

Haryana News: दादुपुर-नलवी नहर मामले पर HC के फैसले के बाद किसानों ने मांगा मुआवजा, जानें क्या है पूरा मुद्दा

हरियाणा के किसानों ने राज्य सरकार से दादूपुर-नलवी सिंचाई योजना के लिए अधिग्रहित जमीन के लंबित मुआवजे की मांग की है. बता दें कि दादुपुर-नलवी नहर, जो यमुनानगर के दादूपुर गांव से शुरू होती है और अंबाला के नलवी गांव में समाप्त होती है.

Advertisement
Haryana News: दादुपुर-नलवी नहर मामले पर HC के फैसले के बाद किसानों ने मांगा मुआवजा, जानें क्या है पूरा मुद्दादादुपुर-नलवी नहर

हरियाणा के किसानों ने राज्य सरकार से दादूपुर-नलवी सिंचाई योजना के लिए अधिग्रहित जमीन का लंबित मुआवजा जारी करने की मांग की है. यह मांग पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के उस फैसले के बाद की गई है, जिसमें 2018 की अधिसूचना की धारा 101 ए को रद्द कर दिया गया था, जिसके तहत अधिग्रहित जमीन को गैर-अधिसूचित किया गया था.

सरकार ने 2004 में शुरू होने वाली इस परियोजना के लिए लगभग 1,019 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई थी, जिसमें अधिकांश जमीन मालिकों को 5 लाख रुपये से लेकर 14 लाख रुपये प्रति एकड़ के बीच मुआवजा दिया गया था, जो उस समय बाजार दरों से काफी कम था. फिर 2016 में, उच्च न्यायालय ने 2,887 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से मुआवजा देने का आदेश दिया, जो 1.16 करोड़ रुपये प्रति एकड़ के बराबर है, साथ ही आकस्मिक शुल्क भी, हालांकि, किसानों को मुआवजा देने के बजाय, सरकार ने 2018 में अधिग्रहित जमीन को गैर-अधिसूचित कर दिया.

दादुपुर-नलवी नहर का ये था उद्देश्य

दादुपुर-नलवी नहर, जो यमुनानगर के दादूपुर गांव से शुरू होती है और अंबाला के नलवी गांव में समाप्त होती है. इसमें 2009 से 2017 तक पानी बहता रहा, नहर का उद्देश्य खरीफ सीजन के दौरान सिंचाई के स्रोत के रूप में काम करना और जल स्तर को बनाए रखने में सहायता करना था.

ये भी पढ़ें:- SKM ने एग्री मार्केटिंग पॉलिसी ड्राफ्ट को निरस्त कृषि कानूनों से ज्यादा खतरनाक बताया, हरियाणा के टोहाना में बैठक 

मुआवजा जारी करने की संभावना

हाई कोर्ट के जज जीएस संधावालिया और न्यायमूर्ति हरप्रीत कौर जीवन ने 20 दिसंबर, 2024 को अपने फैसले में 2018 की अधिसूचना को रद्द कर दिया, जिससे नहर के फिर से शुरू होने और किसानों को मुआवजा जारी करने की संभावना फिर से खुल गई. फैसले में कहा गया है कि वर्तमान रिट याचिका को स्वीकार किया जाता है. 3 अगस्त, 2018 की अधिसूचना, जिसमें अधिग्रहित जमीन को गैर-अधिसूचित किया गया था, साथ ही 14 सितंबर, 2018 की नीति को रद्द किया जाता है

सरकार जल्द मुआवजा राशि जारी करे

दादुपुर-नलवी संघर्ष समिति के अध्यक्ष कश्मीर सिंह ढिल्लों ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह किसानों की लंबे समय से प्रतीक्षित जीत है. उन्होंने कहा कि सरकार को जल्द ही मुआवजा राशि जारी करनी चाहिए. अधिग्रहण के समय जमीन का बाजार मूल्य 40-50 लाख रुपये प्रति एकड़ था, लेकिन हमें केवल 5-14 लाख रुपये का भुगतान किया गया.

किसानों ने कहा ये नहर अनोखी है

किसान अर्जुन सुधैल ने कहा कि यह नहर अनोखी है, क्योंकि यह मात्र एक दशक तक चलने के बाद बंद कर दी गई. उन्होंने आग्रह किया है कि यह देश की पहली नहर है, जिसे 10 साल के उपयोग के बाद बंद किया गया है. सरकार को समय पर मुआवजा सुनिश्चित करना चाहिए.

POST A COMMENT