मछली पालन करने वालों और मछली पकड़ने वाले मछुआरा समुदाय की शिकायत होती है कि उन्हें उनके प्रोडक्ट का पूरा अच्छा दाम नहीं मिल पाता है. वहीं मछली के खरीदारों की लम्बे वक्त से शिकायत चली आ रही है कि बाजार में उन्हें ताजा मछली नहीं मिल पाती है. इसी को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार का मत्स्य मंत्रालय ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) के साथ मिलकर एक योजना शुरू करने जा रहा है. इस योजना का मकसद मछली पालकों और मछुआरा समुदाय की इनकम को बढ़ाना है. वहीं कहीं ना कहीं मछली खाने के शौकीनों को इसके चलते बाजार में ताजा मछली भी खाने को मिलेगी.
वो मछुआरों से सीधे आनलाइन ताजा मछली खरीद सकेंगे. मंत्रालय की ओर से आई जानकारी के मुताबिक 19 फरवरी को मंत्रालय ओएनडीसी के साथ इस योजना पर मुहर लगाएगा. समझौता ज्ञापन (एमओयू) साइन किया जाएगा. ये पहला मौका होगा जब मत्स्य मंत्रालय ओएनडीसी के साथ किसी योजना पर एमओयू साइन करने जा रहा है.
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मंत्रालय से जुड़े अफसरों का कहना है कि ये योजना मछुआरों, मछली किसान उत्पादक संगठनों, उद्यमियों, एसएचजी, मछुआरा सहकारी समितियों और मत्स्य पालन क्षेत्र से जुड़े दूसरे लोगों के फायदे और उनकी पहुंच को बाजारों तक बनाने और ग्राहक तक पहुंचने के लिए एक डिजिटल मंच प्रदान करेगी. मत्स्य पालन विभाग और ओएनडीसी मिलकर टेक्नोलॉजी सपोर्ट देंगे. डिजिटल तकनीक से बाजार के विश्वास में वृद्धि होगी, लेनदेन की लागत में कमी आएगी, बाजार तक पहुंच में वृद्धि होगी, पारदर्शिता में सुधार आएगा और रोजगार के मौके बढ़ेंगे. इसके साथ ही इस योजना से एमएसएमई, स्टार्टअप, एसएचजी, छोटे और सीमांत मछुआरों, एफएफपीओ को भी बढ़ा फायदा मिलेगा.
ओएनडीसी ई-मार्केटिंग का एक खास प्लेमटफार्म है और यह अधिकतम एफएफपीओ और अन्य मछुआरा सहकारी समितियों को जोड़ने के लिए मत्स्य पालन क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. उत्पादकों और उपभोक्ताओं के बीच एक सीधा चैनल प्रदान करते हुए, ओएनडीसी बिचौलियों पर निर्भरता को कम करने में सहायता करेगा. इस कदम से मछुआरों के लिए ज्यालदा मुनाफा पैदा होगा और उपभोक्ताओं को कम कीमत पर मछली मिलेंगी. सरकार की इस पहल से बिखरे हुए मछली पालन में लगे छोटे मछुआरों को उनके उत्पादों के लिए एक सामान्य डिजिटल प्लेटफॉर्म मिलेगा.
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ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) को धारा आठ की कंपनी के रूप में मान्याता दी गई है. ये डीपीआईआईटी के साथ ही वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की एक पहल है. इसका मकसद डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क पर वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान के लिए खुले नेटवर्क को बढ़ावा देना है. ओएनडीसी ने नवंबर 2023 के महीने में 600 से अधिक शहरों में 6.3 मिलियन से ज्यादा लेनदेन किया था. मौजूदा वक्त में 3000 से अधिक किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) विभिन्न नेटवर्क प्रतिभागियों के माध्यम से ओएनडीसी का हिस्सा बनने के लिए पंजीकरण करा चुके हैं. साथ ही करीब 400 स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), सूक्ष्म उद्यमियों और सामाजिक क्षेत्र के उद्यमों को ओएनडीसी के नेटवर्क पर शामिल किया गया है.
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