किसान आंदोलन कर रहे नेता सरवन सिंह पंधेर ने एक बयान में बताया है कि आंदोलनकारी किसानों ने क्यों सरकार के प्रस्ताव को रद्द कर दिया है. उन्होंने कहा कि बहुत सारे विशेषज्ञों ने कहा है कि 5 फसलों के लिए केंद्र सरकार कांट्रेक्ट करेंगी. इसमें जो किसान पहले से इसकी खेती कर रहे हैं वो बाहर हो जाएंगे. इसमें 5 साल की सीमा निर्धारित की गई थी, जो ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि किसानों से होने वाली लूट को एमएसपी कानून के माध्यम से ही रोका जा सकता है. लेकिन कारपोरेट घराने इसे लाने नहीं दे रहे हैं. सरकार चाहे तो इसके लिए विशेष सत्र बुला सकती है. कोई भी विपक्षी दल इसका विरोध नहीं करेगा.
पंधेर ने कहा कि मैं सभी विपक्षी दलों से अपील करता हूं कि सभी अपना रुख स्पष्ट करें कि वो संसद में इसका विरोध नहीं करेंगे. अब केंद्र का चेहरा बेनकाब हो गया है. विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर एमएसपी का कानून आता है तो सरकार जो आयात पर खर्च करती है उससे कम पैसे में एमएसपी पर फसल खरीदी जा सकती है. सीटू प्लस 50 फीसदी फार्मूले से आगे बढ़कर किसानों के कर्ज को माफ किया जा सकता है. प्रधानमंत्री इसका ऐलान करें.
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पंधेर ने कहा कि भाजपा ऐसा दावा करती है कि नरेंद्र मोदी सबसे मजबूत प्रधानमंत्री हैं. हम ये मान लेते हैं लेकिन सरकार हमारी मांगे मानें तो हम भी मान लेंगे. प्रधानमंत्री मजबूत हैं तो WTO से खेती के मामले में भारत सरकार बाहर निकले. अंबाला समेत पंजाब के सात जिलों में इंटरनेट बंद है. पंजाब सरकार के न चाहते हुए भी क्या केंद्र सरकार इंटरनेट बंद कर सकती है. पंजाब सरकार ये स्पष्ट करें.
किसान नेता पंधेर ने कहा कि हम केंद्र के प्रस्ताव को ठुकरा चुके हैं. सरकार हमारी मांग मान ले. दिल्ली कूच का हमारा कार्यक्रम पहले की तरह रहेगा. कल 21 फरवरी को 11 बजे तक का समय दिया गया है. उसके बाद हम दिल्ली जाएंगे. अभी तक केंद्र सरकार ने बाकी मांगों पर भी हमें कोई जानकारी नहीं दी है. सरकार के पास पहले ही 2 साल का समय था. अगर नीयत ठीक है तो समय बहुत है. अगर नीयत ठीक नहीं है तो समय नहीं है.
किसान नेता ने कहा कि हमें सभी 23 फसलों को एमएसपी पर खरीदने की गारंटी चाहिए. सिर्फ 5 को नहीं. जितना पैसा पाम ऑयल खरीदने में दिया जा रहा है उसको एमएसपी पर खर्च किया जाए तो हमारा पैसा बाहर नहीं जाएगा और किसान भी खुशहाल होगा. लेकिन, सरकार ऐसा नहीं कर रही है. दूसरे देश भेजने की बजाय पैसा अपने किसानों पर खर्च करना चाहिए.
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